गाजा। उत्तरी गाजा में हर किसी पर मौत का खतरा है। यह पूरी तरह से तबाह हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र ने यह चेतावनी शनिवार को दी है। संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने चेतावनी दी कि उत्तरी गाजा पट्टी में स्थिति विनाशकारी है। हमास के खिलाफ इजरायल के हमलों में गाजा पूरी तरह से तबाह हो चुका है। हालात इतने बुरे हैं कि लोगों के पास दो वक्त की रोटी तक नहीं बची है। गाजा पहले से ही विदेशी मदद के भरोसे था, लेकिन इजरायली आक्रमण ने उसकी पहुंच को भी रोक दिया है। अब यह इलाका तबाही को झेल रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं न के बराबर हैं। महिलाओं और बच्चों को भी किसी भी तरह की चिकित्सीय मदद नहीं मिल पा रही है। इस बीच कार्यवाहक संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख जॉयस मसुया, संयुक्त राष्ट्र बच्चों की एजेंसी यूनिसेफ और विश्व खाद्य कार्यक्रम सहित संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुखों द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में उन्होंने कहा, उत्तरी गाजा में पूरी फिलिस्तीनी आबादी बीमारी, अकाल और हिंसा से मरने के आसन्न खतरे में है। इजरायल ने पिछले साल गाजा में व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया था। इस बीच अमेरिका ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी कर रहा है कि ज़मीन पर उसके सहयोगी की कार्रवाइयों से पता चले कि उत्तर में उसकी भुखमरी की नीति नहीं है। जॉयस मसुया ने कहा, पहुंच में बाधाओं के कारण मानवीय सहायता जरूरतमंदों तक नहीं मिल पा रही है। गाजा पट्टी में एजेंसी के पास बुनियादी और जीवन रक्षक सामान नहीं हैं। 
मानवीय सहायता करने वाले लोग अपना काम करने के लिए सुरक्षित नहीं हैं और इजरायली सेना और असुरक्षा के कारण जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने से वंचित हैं। उन्होंने गाजा में लड़ रहे सभी पक्षों से नागरिकों की सुरक्षा करने का आग्रह किया और इजरायल से गाजा पर और मदद करने की कोशिश कर रहे मानवीय सहायताकर्ताओं पर अपने हमले बंद करने का आह्वान किया। न्यूयॉर्क में इजरायल के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया