घर में वास्तुदोष होने से वहां रहने वाले सदस्यों को बहुत से कष्टों का सामना करना पड़ता है। वास्तुदोष निवारण के लिए तोड़-फोड़ भी अक्सर संभव नहीं होती। ऐसे में वास्तु में कुछ ऐसे सरल यंत्रों द्वारा उपाय बताए गए हैं,जिनको अपनाकर आप अपने घर का वास्तुदोष दूर करके सुखी और समृद्ध जीवन जी सकते हैं।

भूमि विवाद के लिए : मारुति यंत्र हनुमानजी का यंत्र है। इस यंत्र के बहुत से उपयोग हैं,परन्तु इनमें से एक उपयोग वास्तु के संबंध में बहुत प्रचलित है। जिनकी जमीन नहीं बिक रही हो या जिस जमीन में विवाद खड़ा हो गया हो। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए भूखंड मालिक को मंगलवार के दिन दोपहर 12 बजे इस यंत्र को ले जाकर सम्बंधित भूमि में पूर्व या ईशान दिशा में सवा हाथ गड्ढा खोदकर गाड़ दें एवं ऊपर से दूध या गंगाजल की धारा चढ़ानी चाहिए। वास्तु के अनुसार भूमि का विवाद तीन महीने के अंदर सुलझ जाएगा । मारुति यंत्र वाहन सुरक्षा के लिए भी लाभकारी है।

व्यापार के लिए : श्रीयंत्र को मां लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है। ऐश्वर्य और धनलक्ष्मी की वृद्धि के लिए वास्तु में इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है। यदि दुकान में मन नहीं लगता हो,व्यापार में बरकत न हो,रुपया पैसा आता तो हो पर बचत नहीं हो पा रही है तो इसे घर या दुकान की उत्तर दिशा में लगाना बहुत लाभकारी है।  

गलत निर्माण के लिए : दोषनाशक यंत्र वास्तुदोष निवारण का महत्वपूर्ण यंत्र है जिसमें सभी दिशाओं और दिक्पालों का पूजन किया जाता है। यदि घर में टॉयलेट,रसोई या बाथरूम कोई गलत दिशा में बन गया हो तो यह यंत्र स्थापित करने से वह दोष मिट जाता है।
 
जल संबंधी दोषों को दूर करने के लिए : वरुण यंत्र बड़ा ही प्रभावी वास्तु यंत्र है जो जल संबंधी समस्त दोषों को दूर करता है। यदि जलस्थान,नलकूप,पानी की टंकी अग्नि कोण या गलत दिशा में बन गए हैं तो इस वरुण यंत्र को उस पर स्थापित करके पूजन करने पर जल संबंधी सभी दोष नष्ट हो जाते हैं।

सुख-शांति के लिए : सर्वमंगल वास्तु यंत्र वास्तु संबंधी सभी प्रकार के दोष-निवारण करने के साथ-साथ सब प्रकार की मंगल कामना हेतु अचूक वरदायक है। इसे लगाने से सुख-शांति आती है।

द्वार के दोष मिटाने के लिए : यह एक विशिष्ठ प्रकार का तोरण है,जो द्वार संबंधी दोषों का हरण करता है।तथा घर को बाहरी विपदाओं से बचाता है।