वाराणसी । यूपी की भदोही लोकसभा से टीएमसी के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के परपौत्र ललितेश मणि प्रत्याशी होंगे। सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा शुक्रवार को भदोही की सीट टीएमसी को देने के बाद देर शाम टीएमसी ने भी ललितेश के नाम की घोषणा कर दी। 
पूर्वांचल की बहुचर्चित भदोही लोकसभा सीट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तृणमूल कांग्रेस के खाते में दे दी। उसके तुरंत बाद ही तृणमूल कांग्रेस की चेयरपर्सन ममता बनर्जी ने ललितेशपति त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी। समाजवादी पार्टी की गढ़ मानी जाने वाली भदोही लोकसभा सीट को तृणमूल के खाते में देने से राजनीतिक विश्लेषक भी हतप्रभ हैं। 
इससे सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे नेताओं को भी झटका लगा है। भदोही लोकसभा सीट में कुल 5 विधानसभा सीट हैं। इसमें भदोही जिले की ज्ञानपुर, भदोही और औराई जबकि प्रयागराज की प्रतापपुर एवं हंडिया सीट शामिल हैं। भदोही लोकसभा सीट पर ब्राह्मण वोटर निर्णायक माने जाते हैं। माना जाता है कि ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए सपा ने यह कदम उठाया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी कांग्रेस के टिकट पर मिर्जापुर की मड़िहान सीट से विधायक भी रह चुके हैं। ललितेश के नाम की घोषणा के बाद अब सबकी नजरें भाजपा प्रत्याशी के नाम पर टिक गई हैं। सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व का निर्णय है। पार्टी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत लगाएगी। वाराणसी में कांग्रेस की राजनीति का केंद्र औरंगाबाद हाउस का आवास माना जाता था। कांग्रेस के टिकट पर डॉ राजेश मिश्र के जीतने के बाद कांग्रेस की राजनीति का केंद्र औरंगाबाद के अलावा उनका घर खजूरी भी हो गया था। औरंगाबाद हाउस और खजुरी हाउस में खींचतान चलती रहती थी। पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा के भाजपा में चले जाने के बाद इस बात के कयास तेज हो गए थे कि उनको भाजपा भदोही से मैदान में उतार सकती है। इसको देखते हुए ललितेश पति त्रिपाठी की भदोही से चुनाव लड़ने की संभावना तेज हो गई थी। पं कमलापति त्रिपाठी का परिवार भी तृणमूल कांग्रेस में चला गया था। ऐसे में जैसे ही सीट तृणमूल कांग्रेस के खाते में आई ललितेश की उम्मीदवारी तय हो गई थी।