कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का है महत्व
7 नवंबर 2022 कार्तिक माह की पूर्णिमा पर देव दिवाली मनाई जाती है. कहते है इस दिन देवता गण पृथ्वी पर आते हैं और काशी में दिवाली मनाते हैं. इस दिन दीपदान का खास महत्व है.
आइए जानते हैं देव दिवाली पर कैसे करें दीपदान और क्या है इसका महत्व
देव दिवाली 2022 मुहूर्त (Dev Diwali 2022 Muhurat)
देव दिवाली डेट - 7 नवंबर 2022
देव दिवाली दीपदान मुहूर्त - शाम 5.14 - रात 07.49
कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू -7 नवंबर 2022 को शाम 4 बजकर 15
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा वर्षभर की पवित्र पूर्णमासियों में से एक है. इस दिन किये जाने वाले दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं. यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और विशाखा नक्षत्र पर सूर्य हो तो पद्मक योग का निर्माण होता है, जो कि बेहद दुर्लभ है. वहीं अगर इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और बृहस्पति हो तो, यह महापूर्णिमा कहलाती है. इस दिन संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके दीपदान करने से पुनर्जन्म का कष्ट नहीं होता है.
देव दिवाली दीपदान महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार देव दिवाली के दिन देवतागण काशी में गंगा स्नान करने धरती पर आते हैं. कहते हैं कि जो इस दिन संघ्या काल में दीपदान करता है उसे शत्रु का भय कभी नहीं सताता. जीवन में सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. कार्तिक पूर्णिमा पर यानी कि देव दिवाली की रात शिव के निमित्त दीप प्रज्वलित करने पर उन्नति के रास्ते खुल जाते हैं. धन से संबंधित परेशानियों का निवारण हो जाता है. इस विधि से दीपदान करने पर यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं. मां लक्ष्मी की कृपा से धन लाभ होता है.
कैसे करें देव दिवाली पर दीपदान ?
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करना बेहद शुभ माना जाता है. क्योंकि इस दिन देव दीपावली भी होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी नदी या सरोवर के किनारे दीपदान अवश्य करना चाहिए. यदि नदी या सरोवर पर नहीं जा सकते तो देवस्थान पर जाकर दीपदान करना चाहिए.