इन चीजों के बिना अधूरी है गणेश चतुर्थी की पूजा
हिंदू पंचांग के अनुसार, 31 अगस्त को भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। वैसे तो हर माह में दो चतुर्थी तिथि पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। लेकिन भाद्रपद माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि को बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश जन्मोत्सव के रूप में ये पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। ये उत्सव दस दिनों तक चलता है। इस साल गणेश उत्सव का ये पर्व 31 अगस्त को शुरू होकर 9 सितंबर को समाप्त होगा। भगवान गणेश रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता भी हैं।
मान्यता है कि दूर्वा घास गणेश जी को बेहद प्रिय है, इसलिए भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा घास को जरूर शामिल करें। इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होंगे और आपकी सभी मनोकामना पूरी करेंगे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लाल फूल भगवान गणेश को बेहद प्रिय हैं। इसके बिना बप्पा की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश को लाल फूल जरुर चढ़ाएं।
गौरी पुत्र श्री गणेश को मोदक और लड्डू बेहद प्रिय है। ऐसे में आप गणेश जी की पूजा के दौरान मोदक और लड्डू का भोग जरूर लगाएं, क्योंकि लड्डू और मोदक के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक जरूर लगाना चाहिए। गणेश जी को सिंदूर बेहद पसंद है। इसके बिना विघ्नहर्ता गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है।
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को केले का भोग जरूर लगाएं। केला एकदन्त को बेहद प्रिय है। लेकिन एक बात का जरूर ध्यान रखें कि एक केला चढ़ाने के बजाय इसे जोड़े में चढ़ाएं।