लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी की गरीबी मुक्त प्रदेश के लिए महत्वाकांक्षी योजना ‘जीरो पावर्टी’ अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव की लगातार समीक्षा के बाद अति गरीब परिवारों का सर्वेक्षण और सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि इन्हें योजनाओं का लाभ देकर गरीबी रेखा से ऊपर लाया जा सके।
गौरतलब है कि दो अक्टूबर 2025 तक प्रदेश गरीबी मुक्त राज्य बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता है। सरकार प्रदेश में 15 लाख अति गरीब परिवारों को चिन्हित करने के लिए पंचायत सहायक, रोजगार सेवक, बीसी सखी, और स्वयं सहायता समूहों (एस.एच.जी.) की मदद से सर्वेक्षण कराया जा रहा है। इन परिवारों में आवासहीन, कच्चे मकानों में रहने वाले, भूमिहीन, और दिहाड़ी मजदूरी करने वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जा रही है। सर्वेक्षण पूरा होने के बाद इन परिवारों के रिकॉर्ड का सत्यापन ग्रामस्तरीय समितियों द्वारा किया जाएगा।
इस महत्वाकांक्षी योजना में डिजिटल तकनीक का पूरा उपयोग किया जा रहा है। मॉप-अप मोबाइल ऐप के माध्यम से सर्वेक्षण और सत्यापन कार्य किया जा रहा है। इसमें संबंधित परिवारों का आधार, बैंक खाता विवरण, और लाभार्थी का फोटोग्राफ अपलोड किया जा रहा है। सर्वेक्षण प्रक्रिया के बाद, ग्रामस्तरीय समिति के सदस्य, जिनमें ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान, विद्यालय के हेडमास्टर, स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं वे चयनित लाभार्थियों की पुष्टि करेंगे। चयन प्रक्रिया में पांच में से न्यूनतम तीन सदस्यों का अभिमत आवश्यक होगा। चयन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए सभी रिकॉर्ड मॉप-अप ऐप और जीरो पावर्टी पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
सरकार की इस योजना में सरकारी फंड के अलावा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड का भी उपयोग किया जाएगा। चिन्हित परिवारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए विभिन्न कंपनियों और संगठनों से सहयोग लिया जाएगा। पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि 2 अक्टूबर, 2025 तक प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान के तहत ग्रामीण स्तर पर कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को शत-प्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य है कि प्रदेश के सबसे गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ देकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जाए।