लखनऊ । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छात्रवृत्ति घोटाले में शैक्षिणक व मेडिकल संस्थानों पर छापेमारी के दौरान जुटाए गए साक्ष्यों का परीक्षण करने के उपरांत मामले में आरोपितों के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। ईडी को लखनऊ समेत छह शहरों में की गई छापेमारी के दौरान घोटाले की रकम से बेनामी संपत्तियां खरीदे जाने की जानकारी भी सामने आई थी।ईडी का शिकंजा अब संस्थानों के संचालकों पर कसेगा। जल्द नोटिस देकर उन्हें तलब किए जाने की तैयारी है। लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने भी ईडी से जुटाई गई जानकारियों के आधार पर 18 नामजद समेत अन्य आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की है।

ईडी दिल्ली व लखनऊ की टीमों ने केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग व अल्पसंख्याक छात्र-छात्राओं को प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति के घपले को लेकर 17 फरवरी को छह शहरों में छापेमारी की थी। सामने आया था कि था कि घोटालेबाजों ने छात्रवृत्ति की रकम हड़पने के लिए फिनो पेमेंट बैंक में तीन हजार से अधिक खाते खोले थे। जांच में 75 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी सामने आई थी।

लखनऊ स्थित एसएस इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, हाजिया कालेज आफ फार्मेसी, हाजिया इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी/सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी, लखनऊ इंस्टीट्यूटी आफ मैनेजमेंट एंड एजूकेशन, फर्रुखाबाद स्थित डा.ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी, हरदोई स्थित डा.भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कालेज आफ फार्मेसी, आरपी इंटर कालेज, ज्ञानवती इंटर कालेज व जगदीश प्रसाद वर्मा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व अन्य ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 36.51 लाख रुपये नकद, 957 डालर, बड़ी संख्या में सिम कार्ड व कई दस्तावेज बरामद हुए थे।