वास्तु के अनुसार रहे श्यनकक्ष
विवाहित जीवन में सभी सुख की कामना करते हैं पर कई बार धन संपदा और सारे वैभव होते हुए भी नवविवाहित दम्पति के बीच में तालमेल नहीं बैठ पाता और अलगाव तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में एक देखना चाहिये कि कहीं कोई वास्तु दोष तो नहीं है। नवविवाहित दम्पति का जीवन सुखमय हो इसके लिए बहुत जरूरी है कि उनका शयनकक्ष सही स्थान पर हो। इसके साथ ही उसकी दिशा, दीवारों का रंग, दर्पण, टॉयलेट, फर्नीचर आदि का सही स्थान पर होना आवश्यक है।
वास्तु एक प्राचीन विद्या है। सुखमय विवाहित जीवन के लिए, घर में सुख और समृद्धि के लिए, परिवार में नकारात्मकता और दुख से छुटकारा पाने के लिए वास्तु शास्त्र का बहुत बड़ा योगदान है। सही वास्तु हमारे जीवन में खुशियां और अनुकूलता ला सकता है।
नव-दम्पति का बेडरूम चौकोर या आयताकार होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण कमरे की सही दिशा का चयन करना है। नवविवाहित दम्पति के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उत्तम है। वास्तु के प्राचीन ग्रंथों में यह स्पेस आकर्षण एवं तृप्ति का स्थान रहा है। इस दिशा में कमरा होने से उनके आपसी संबंधों में प्रगाढ़ता आती है।
दीवार पर कभी सफेद या लाल रंग नहीं लगाने चाहिए। गाढ़े रंग की अपेक्षा हल्का रंग बेहतर होता है। हरा, गुलाबी या आसमानी रंग अच्छा प्रभाव छोड़ता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। आपसी मतभेदों को कम करने के लिए आप इन रंगों का प्रयोग पर्दे और बेडशीट के रूप में भी कर सकते हैं।
यह एक गलत धारणा है कि बिस्तर के सामने दर्पण नहीं होना चाहिए। दर्पण कहीं भी हो सकता है किन्तु दर्पण टूटा हुआ नहीं होना चाहिए।
कमरे का दूसरा महत्वपूर्ण हिस्सा बाथरूम है। ध्यान रखें कि बाथरूम, पूजाघर, किचन सब अगल-बगल न हो।
सुखी विवाहित जीवन के लिए महत्वपूर्ण है कि धातु की बजाय लकड़ी के बेड को प्राथमिकता दें। कभी भी छत पर बनी बीम के नीचे पलंग न रखें यह अचानक तनाव का कारण बनता है।
सोते समय सिर दक्षिण और पैर उत्तर की तरफ होने चाहिए। पत्नी को पति के बाईं ओर सोना चाहिए। आपसी प्रेम बढ़ाने के लिए लव बर्ड भी रख सकते हैं।
टीवी या कम्प्यूटर आदि कमरे में न रखें, अगर हैं तो रात को सोते समय कपड़े से ढक दें।
कमरे के अंदर कैक्टस न रखें। कमरे के दरवाजे पर घंटा या विंडचाईम लगाएं, यह आपसी मेलमिलाप बढ़ता है।
अपराध, यातना, अशान्ति आदि के चित्र कमरे में न लगाएं। दम्पति के विवाह की तस्वीर कमरे में रखने से आपसी प्रेम बढ़ता है।
फर्श को पोंछने के लिए पानी में थोड़ा सेंधा नमक मिलाएं। पानी, धन वैभव तथा समृद्धि का प्रतीक है, घर में पानी के फव्वारे लगाने से धन में वृद्धि होती है।
दरवाजों के कब्जों में तेल डालती रहें। दरवाजे खोलते या बंद करते समय होने वाली आवाज वास्तु के अनुसार अशुभ तथा अनिष्टकारी मानी जाती है।
इसके अलावा बेडरूम में सभी सामान वास्तु के हिसाब से रखें जैसे- अलमारी शयन कक्ष के उत्तर पश्चिमी या दक्षिण की ओर होना चाहिए।
टीवी, हीटर और एयर कंडीशनर को दक्षिण पूर्वी के कोने में स्थित होना चाहिए बेड रूम के साथ लगता बाथरूम, कमरे के पश्चिम या उत्तर में होना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम कोना कभी खाली नहीं रखा जाना चाहिए।
यदि आप कोई सेफ या तिजोरी, बेड रूम में रखना चाहे तो उसे दक्षिण की दीवार के साथ रख सकते हैं, खुलते समय उसका मुंह धन की दिशा उत्तर की तरफ खुलना चाहिए।
ड्रेसिंग टेबल के साथ दर्पण पूर्व या उत्तर की दीवारों पर तय की जानी चाहिए। किसी कारणवश अगर उनका कमरा इस दिशा में न होकर किसी दूसरी दिशा में है तो यह कमी दीवारों के रंग और पर्दों से पूरी की जा सकती है।