एटीएस ने मोहम्मद रफीक को लखनऊ से गिरफ्तार किया
लखनऊ। यूपी एटीएस ने बांग्लादेश नागरिकों और रोहिंग्या को जाली दस्तावेजों से भारतीय नगारिकता दिलाने और मानव तस्करी रैकेट से जुड़े एक्टिव सदस्य को गिरफ्तार किया है। यूपी एटीएस ने मोहम्मद रफीक को लखनऊ के चारबाग़ रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है। रफीक यूपी की जेलों में बंद रोहिंग्याओं की जमानत करवाता था। रफीक जेल में बंद उसके गिरोह के अन्य सदस्य इस्माइल से मुलाकात करने आया था।
रफीक म्यांमार का रहने वाला है। वह अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में रह रहा था। रफीक ने फर्जी दस्तावेजों से भारत की नगारिकता हासिल की। रफीक अवैध रूप से बांग्लादेश के नागरिकों को भारत लाता था। यह गिरोह जाली दस्तावेजों के आधार पर म्यांमार और बांग्लादेश से महिलाओं व बच्चों को अवैध रूप से भारत लाकर बेचता है। मो रफीक पूर्व में गिरफ्तार नूर मोहम्मद गिरोह का सदस्य है। यूपी एटीएस ने पिछले दिनों रोहिंग्या इस्माइल को गिरफ्तार किया था। रफीक उसी का दोस्त है। रफीक 25 फरवरी को लखनऊ में इस्माइल से पेशी पर मिलने के लिए पहुंचा था, लेकिन उसकी मुलाकात न हो सकी। इसके बाद रफीक इस्माइल से मिलन के लिए लखनऊ की जेल में जाने वाला था। इस्माइल से मिलने से पहले ही रफीक को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया। रफीक का जन्म बांग्लादेश के रोहिंग्या कैंप में हुआ था। उसके माता-पिता मूल रूप से म्यांमार के रहने वाले थे। फिलहाल वह भारत में हैदराबाद स्थित बहादुरपुरा कमिला में रह रहा है। रफीक जब चार साल का था तभी इसके माता-पिता का निधन हो गया था। उसका पालन पोषण चाचा मकसूद अली ने किया और उन्हीं के साथ बांग्लादेश बॉर्डर अवैध रूप से पार करके भारत आ गया। शुरू में वह पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में रहा। फिर उसके बाद वह मेवात की एक लोहा बनाने वाली कंपनी में काम करने लगा। रफीक ने वहीं से फर्जी पते पर आधार कार्ड बनवा लिया। जिसके बाद वह फिर हैदराबाद में मीट फैक्ट्री में काम करने लगा। हैदराबाद में ही उसकी मुलाकात इस्माइल से हुई। इस्माइल मानव तस्करी गिरोह के सरगना मोहम्मद नूर के संपर्क में था। ईस्माइल के जरिए नूर के संपर्क में आने के बाद रफीक रोहिंग्या समुदाय के लोगों को अवैध रूप से भारत में लाने और उनके कूटरचित दस्तावेज बनवाकर उन्हें भारत में बसाने के अवैध धंधे में शामिल हो गया।