लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय महासचि और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर विवादित बयान दिया है। इस बार उन्होंने विधान परिषद में अयोध्या में हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सवर्ण हिंदू ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण खा रहे हैं।
विधान परिषद में चर्चा के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामलला को लेकर सवाल किए तो वहीं एक बार फिर हिंदुओं को बांटने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि क्या राम निर्जीव हो गए थे जो प्राण प्रतिष्ठा की जरूरत पड़ी। जो पहले से जीवित है उसमें प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत थी। अपर कास्ट का हिंदू ओबीसी, एससी और एसटी का आरक्षण खा रहे हैं। ओबीसी, एससी और एसटी भी हिंदू हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मैंने राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा उसमें केवल सरकार का गुणगान किया गया है जो जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। राज्यपाल के भाषण के पृष्ठ एक पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ी वाहवाही लूटी गई है। ऐसा लगता है कि बीजेपी के प्राण प्रतिष्ठा से पहले भगवान राम थे ही नहीं। बीजेपी ऐसा ड्रामा कर रही है जैसे राम को वे ही लेकर आए हों। हजारों साल से रामलला की पूजा होती आ रही है फिर प्राण प्रतिष्ठा का नाटक क्यों किया गया। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी का था। आयोजक भी बीजेपी, मुख्य अतिथि भी बीजेपी और आयोजक विहिप और आरएसएस। भगवान राम को आराध्य मानने वालों को वहां नहीं जाने दिया गया। यह पहला मौका नहीं था जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदुओं और सनातन को लेकर कुछ बोला हो। वे लगातार सवर्ण हिन्दुओं और सनातन पर हमलावर हैं। इससे पहले भी वे अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। उधर बीजेपी का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य जो कुछ भी बोल रहे हैं वह अखिलेश यादव के इशारों पर कह रहे हैं। यही वजह है कि उनपर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। अब तो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सपा नेता भी असहज हैं।