लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने शीतलहरी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के असुरक्षित लोगों को राहत देने के लिए सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को पुख्ता इंतजाम करने के दिशा-निर्देश दिये हैं। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सरकार ने शीतलहरी के दौरान निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा के लिए राहत विभाग को 120 करोड़ की धनराशि आवंटित की है।
इसके सापेक्ष विभाग ने भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलाधिकारियों को शीतलहरी से निपटने के लिए पहली किस्त करीब बीस करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई है। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ठंड की शुरुआत के साथ ही शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17 करोडृ 55 लाख रुपये जारी किए गए हैं। वहीं अन्य राहत सामग्री के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये जारी किए गए हैं। ऐसे में विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये जारी किए हैं। इसमें सबसे अधिक धनराशि 38 लाख 50 हजार गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए जारी की गई है। साथ ही सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही अत्यधिक एवं शीतलहरी से प्रदेश के किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। वहीं सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाया जाए। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्माेप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा कर लिया जाए ताकि कोहरे के समय कोई दुर्घटना न हो। इसके अलावा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी अभियान चलाकर लगवाई जाए, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। इन रैन बसेरे एवं शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। साथ ही रात में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किया जाए।