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नई दिल्ली: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को एक बड़ा मामला सामने आने वाला है। इस मामले में भारतवंशी वकील नील कात्याल ( Neal Katyal ) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए गए टैरिफ (आयात शुल्क) को चुनौती देंगे। यह मामला राष्ट्रपति की शक्तियों की सीमाओं को तय कर सकता है।

नील कात्याल 54 साल के हैं और वे भारतीय मूल के अमेरिकी वकील हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में 50 से ज्यादा केस लड़े हैं और उनकी जीत का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है। वे इस बार राष्ट्रपति ट्रंप के एक बड़े फैसले के खिलाफ खड़े होंगे। यह मामला साल 1977 के एक कानून, इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) से जुड़ा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसी कानून का इस्तेमाल करके कई तरह के टैरिफ लगाए थे। अब सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि क्या यह कानून राष्ट्रपति को इतने बड़े टैरिफ लगाने की शक्ति देता है या फिर जैसा कि कात्याल का कहना है, टैरिफ और टैक्स लगाने का अधिकार सिर्फ कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के पास है।

इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण मामला

इस मामले पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे देश के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण मामला बताया है। उन्होंने कहा था कि वे खुद सुनवाई में शामिल होना चाहते थे, लेकिन उन्होंने सोचा कि इससे मामले की गंभीरता पर ध्यान भटक सकता है, इसलिए वे नहीं गए।

इस मामले की अहमियत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सामान्य एक घंटे की बजाय 80 मिनट का समय दिया है। कोर्ट रूम में काफी भीड़ होने की उम्मीद है। देश-विदेश से लोग इस मामले पर नज़र रखे हुए हैं।