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वॉशिंगटन: भारत और पाकिस्तान के बीच 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद जो तनाव बना था, उसने ग्लोबल लीडर्स को परेशान कर दिया था। खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों पड़ोसी देश एक विनाशक युद्ध में फंसने वाले थे। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष से दूरी बना ली थी। अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने साफ शब्दों में कह दिया था, कि ‘ये हमारी लड़ाई नहीं है, इससे हमें मतलब नहीं है।’ लेकिन उनके इस बयान देने के ठीक एक बाद ऐसा क्या हुआ, उस एक घंटे में क्या हुआ कि अमेरिका में बेचैनी फैल गई। ट्रंप प्रशासन को इमरजेंसी हालातों में युद्ध रूकवाने के लिए बीच-बचाव में आना पड़ा।

दरअसल, भारक ने शुक्रवार-शनिवार के रात के हमले में पाकिस्तान के चार एयरबेस और अन्य सैन्य ठिकानों पर भयंकर हमले किए। इसने पाकिस्तान की सेना को डरा दिया था। लेकिन इन सभी में एक हमला ऐसा था जिसने इस्लामाबाद को हिलाकर रख दिया था। और उसके बाद की प्रतिक्रिया ने अमेरिका को टेंशन में डाल दिया। वो हमला था नूर खान एयरबेस पर। भारत ने मिसाइल हमला कर नूर खान एयरबेस को पूरी तरह से नेस्तनाबूत कर दिया। अमेरिका के कुछ अधिकारियों का मानना है कि ये एयरबेस पाकिस्तान के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।