देवास-सीहोर के खिवनी अभयारण्य क्षेत्र में बारिश के दौरान आदिवासियों के घर तोड़े जाने के बाद से राजनीति गर्म है। अब दिवाली से ठीक पहले, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र बुधनी के भैरूंदा में आदिवासियों को नोटिस दिए जाने पर पूर्व सीएम शिवराज ने प्रशासन पर नाराजगी जताई है। 29 अक्टूबर को भैरूंदा में जनजातीय पंचायत के दौरान दिए गए उनके भाषण के वीडियो भी सामने आए हैं।
आंखों में शिवराज खटकता है
शिवराज वीडियो में कह रहे हैं…ऐसे लोग जो मानसिक रूप से विकृत हैं इतनी जनता उनको दिखाई नहीं देती। उनकी आंखों में तो शिवराज सिंह चौहान खटकता है। जिनका राज यहां पर है उनको कह रहे हैं कि यह कहां से आ गए और उनको नोटिस दिए जा रहे हैं। यह जो कर रहे हैं वो विकृत मानसिकता के लोग हैं, यह पागलपन की बात है और इसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी।
दिवाली के पहले आदिवासियों को नोटिस दिए शिवराज ने कहा- तैयारी दिवाली के पर्व को मनाने की थी, लेकिन ठीक दिवाली के दिन गरीब भाइयों और बहनों को नोटिस हाथ में थमा दिए गए। ज़मीन उनकी जिंदगी है। ज़मीन जिस पर वर्षों से कब्ज़ा है, वो उनकी रोज़ी-रोटी का साधन है। ज़मीन जो उनके बुढ़ापे का सहारा है, ज़मीन जो उनके बच्चों का आसरा है।
सालों से जहां खेती कर रहे, उस पर नोटिस शिवराज ने कहा- एक छोटी ज़मीन का टुकड़ा, जिसमें वर्षों से खेती कर रहे हैं। दिन-रात मेहनत करते हैं, पत्थर खोदकर जैसे-तैसे एक खेत बनाया, और वो खेत पर बोवनी नहीं करने के नोटिस दे दिए। बोवनी नहीं करेंगे तो जिएंगे कैसे? खाएंगे क्या? ये तो बताए कोई? एक सनक सवार हुई, नोटिस दे दिया। मैं मंत्री, नेता के रूप में नहीं, आपके साथी के रूप में आया हूं।
नोटिस देने वाले अफसरों पर बरसे शिवराज ने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा- जिन्होंने यह नोटिस दिया उनको मैं कुछ कहना चाहता हूं भारतीय जनता पार्टी की सरकार दिल्ली में है, भारतीय जनता पार्टी की सरकार भोपाल में है। मोदी जी भारत के लिए भगवान का वरदान हैं, हमारे प्रधानमंत्री और डॉक्टर मोहन यादव हमारे मुख्यमंत्री हैं। ये सरकार हम लेकर आए, अन्याय नहीं होगा शिवराज ने कहा- भारतीय जनता पार्टी की सरकार है इसलिए क्योंकि वो जनता की सेवा कर सके, गरीब कल्याण हमारा संकल्प है और ऐसी हालत में जब हमारी सरकारें हैं यह अन्याय नहीं हो सकता ना हम यह अन्याय सहन कर सकते, सरकार तो हमारी है हमने बनाई है, सबने बनाई है। एक तरफ से एक साथ मिलके हम सब यह सरकार लेकर आए हैं भारतीय जनता पार्टी की, हमारी सरकार, हमारे मुख्यमंत्री, हमारे नेता, अन्याय कैसे हो जाएगा और इसलिए मैं आपके बीच आया हूं, मुख्यमंत्री जी से मैंने चर्चा की है और मुख्यमंत्री जी ने आश्वस्त किया है कि अन्याय नहीं होगा।
शिवराज ने पंचायत में किसानों से की बात
शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय पंचायत में पहुंचे किसान बंशीलाल से बातचीत करते हुए कहा- “ये बंशीलाल पिछले 60 साल से इस ज़मीन पर खेती कर रहे हैं, ऐसे लोगों को हटाया जाना क्या उचित है? जिन पुरानी जमीनों पर लोगों की पूरी जिंदगी बीत गई, उन पर अब नोटिस दिए जा रहे हैं- वो भी दिवाली के दिन! कम से कम लोगों को दिवाली के दिए तो जलाने देते। धनतेरस के दिन ज़मीन छीनने के नोटिस जारी किए गए। जिन्होंने ये नोटिस दिए, अगर उनके साथ ऐसा हो कि उनकी रोज़ी-रोटी छिन जाए, तो उन्हें कैसा लगेगा? उनके बच्चों और परिवार को कैसी पीड़ा होगी?”
उन्होंने आगे कहा- “उस दिन माताएं-बहनें रो रही थीं। ये ज़मीन उनके बाप-दादाओं के समय से चली आ रही है। अब इस ज़मीन को छीनने की बात करना घोर अन्याय है, और ये अन्याय कभी नहीं होने दिया जाएगा।”
शिवराज बोले- पुराना कब्जा नहीं छोड़ेंगे
हम यहां अपने हक और अधिकार के लिए इकट्ठा हुए हैं। यह हमारा अधिकार है, और हम मुख्यमंत्री जी से मिलकर अपनी बात साफ-साफ बताएंगे। एक बात पक्की है – नया कब्जा नहीं होने देंगे, लेकिन पुराने कब्जे को कोई नहीं छीन सकता। हम ईमानदार लोग हैं, मेहनत से पेट पालते हैं, और पुराने कब्जों पर ही खेती करते हैं।
हमारा स्पष्ट संकल्प है- जो जमीन सालों से हमारे पास है, वही हमारी रोज़ी-रोटी का साधन है। नए कब्जों को रोको, लेकिन पुराने किसानों को परेशान मत करो।इस पंचायत का यही फैसला है- हम अपना पुराना कब्जा नहीं छोड़ेंगे, वहीं बोनी करेंगे।
शिवराज की नाराजगी की एक वजह ये भी
दरअसल, सिस्टम परिवर्तन अभियान के अध्यक्ष और पूर्व आईएफएस अधिकारी आज़ाद सिंह डबास ने 4 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक शिकायत भेजी थी। इसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव अनुराग जैन, एसीएस अशोक वर्णवाल और उस समय के पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव को भी भेजी गई थी।
शिकायत में कहा गया था कि 23 जून को खिवनी अभयारण्य में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को साथ लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे। इसके बाद सीएम ने सीहोर के डीएफओ मगन सिंह डाबर का तबादला कर दिया, जिसके बाद से खिवनी अभयारण्य से जुड़ा पूरा काम ठप पड़ा है।
पीसीसीएफ ने 15 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट
पीसीसीएफ कार्यालय ने 18 जुलाई 2025 को सीसीएफ कार्यालय को पत्र भेजकर मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। इसके बाद सीसीएफ कार्यालय ने 24 जुलाई को सीहोर डीएफओ को पत्र भेजकर जांच रिपोर्ट मांगी। डीएफओ ने जांच की जिम्मेदारी उप वन मंडल अधिकारी (एसडीएफओ) बुधनी सुकृति ओसवाल को सौंपी।
एसडीएफओ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि यह मामला केंद्रीय मंत्री से जुड़ा है, इसलिए इसकी जांच वरिष्ठ अधिकारी स्तर पर ही की जानी चाहिए। यह रिपोर्ट उन्होंने डीएफओ कार्यालय को भेज दी। डीएफओ ने भी माना कि जांच उच्च अधिकारियों के स्तर पर ही संभव है, इसलिए रिपोर्ट आगे नहीं बढ़ाई गई। सूत्रों के अनुसार, इसी कारण शिवराज सिंह चौहान इस पूरे मामले को लेकर अफसरों से नाराज हैं।



