बिलासपुर, बिलासपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में शराब-मुर्गा पार्टी करने का मामला सामने आया है। स्कूल के टीचरों ने मध्यान्ह भोजन के किचन में रसोइयों से मुर्गा मंगाकर कटवाया। फिर चिकन बनाकर पार्टी की। मामला मस्तूरी ब्लॉक के रहटाटोर प्राइमरी स्कूल का है।
दरअसल अन्य स्कूल के हेडमास्टर ऑफिशियली अतिथि शिक्षक बनकर रहटाटोर के स्कूल पहुंचे थे। जहां उनकी मेहमानवाजी में ये पार्टी की गई। इसमें स्कूल के टीचर हेडमास्टर भी शामिल हुए। स्कूल के बच्चों ने बताया की सब बैठकर शराब पी रहे थे, जिसके बाद नशे में उन्होंने गाली गलौज भी की।
मामला सामने आने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने हेडमास्टर और टीचर को सस्पेंड कर दिया है।
मेहमान नवाजी के बहाने शिक्षकों ने की पार्टी
दरअसल, घटना बीते 7 अक्टूबर की है। रहटाटोर स्थित गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में सामाजिक अंकेक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें आधिकारिक रूप में अतिथि बनकर मानिकचौरी मिडिल स्कूल के हेडमास्टर गोपीलाल मार्शल शामिल हुए।
उनकी मेहमान नवाजी के बहाने हेडमास्टर राजेश्वर मरावी और सहायक शिक्षक मनोज नेताम ने मुर्गा पार्टी का आयोजन किया, जिसमें स्कूल के शिक्षकों को भी बुलाया गया। इस दौरान मुर्गा मंगाकर स्कूल के मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोइयों से चिकन बनवाया गया।
इससे पहले शिक्षकों ने दारू पार्टी भी की। स्कूली बच्चों ने बताया कि कार्यालय कक्ष में बैठकर प्रधान पाठक राजेश्वर मरावी, शिक्षक मनोज नेताम और एक अन्य शिक्षक ने शराब पी रहे थे।
बच्चों को लगाई फटकार, पैरेंट्स को दी जानकारी
इस दौरान कक्षा में बच्चे और महिला रसोईयां भी मौजूद थीं। शराब के नशे में शिक्षक स्कूली बच्चों से गाली-गलौज करने लगे, जिससे बच्चे डर गए और घर चले गए। उन्होंने पूरी घटना की जानकारी अपने अभिभावकों को दी। जिस पर अभिभावक और जनप्रतिनिधि स्कूल पहुंच गए।
मामले को दबाने में जुटे रहे ब्लॉक के अधिकारी
स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिक्षकों के दारू-मुर्गा पार्टी करने का मामला सामने आने के बाद भी मस्तूरी विकासखंड के शिक्षा अधिकारी इस मामले को दबाने का प्रयास करते रहे। यही वजह है कि जानकारी के बाद भी उन्होंने इसकी सूचना जिला मुख्यालय के अफसरों को नहीं दी।
अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों का भड़का आक्रोश
स्थानीय लोगों ने शिक्षकों के स्कूल में मुर्गा पार्टी और शराबखोरी करने की जानकारी मस्तूरी विकासखंड के शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को दी थी। लेकिन, उन्होंने इस मामले में कार्रवाई करना तो दूर सूचना तक मुख्यालय के अफसरों को नहीं दी।
करीब 15 दिन बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं होने पर स्थानीय लोगों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने आक्रोश जताया। साथ ही बच्चों और रसोइयों से जानकारी लेकर उनका वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
पढ़ाना छोड़ बच्चों को डराते-धमकाते हैं टीचर
स्थानीय लोगों के साथ ही बच्चों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है कि शिक्षक स्कूल में शराब पी रहे हैं। इससे पहले भी शिक्षक अक्सर नशे में स्कूल आते रहे हैं। गुटखा-खैनी खाते हैं और बच्चों से साफ-सफाई कराते हैं।
पहले भी इन शिक्षकों के खिलाफ शिकायतें ब्लॉक शिक्षा कार्यालय तक पहुंच चुकी है। लेकिन, विभाग के अफसरों ने कार्रवाई करने के बजाय उनकी करतूतों को दबाने का प्रयास किया।
स्कूल का माहौल खराब कर रहे शिक्षक
स्थानीय लोगों ने कहा कि स्कूल में विद्यार्थियों की कुल दर्ज संख्या 145 है और यहां चार शिक्षक पदस्थ हैं। लेकिन, शराबी प्रधान पाठक और शिक्षक की वजह से शैक्षणिक माहौल खराब हो गया है।।
स्कूल समय में शराब और मुर्गा पार्टी की यह करतूत शिक्षा के मंदिर में पर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की ढिलाई और संरक्षण की वजह से नशे में धुत शिक्षक खुलेआम बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
केवल हेडमास्टर और दो शिक्षक को किया सस्पेंड
स्कूल में दारू और मुर्गा पार्टी का आयोजन करने का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिस पर उन्होंने मस्तूरी बीईओ से प्रतिवेदन मंगाया।
आनन-फानन में बीईओ ने केवल हेडमास्टर समेत तीन शिक्षकों के खिलाफ प्रतिवेदन भेज दिया। जिसके आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे ने हेडमास्टर राजेश्वर मरावी, शिक्षक मनोज नेताम को सस्पेंड कर दिया है। जबकि, हेडमास्टर गोपाल मार्सल व अन्य शिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।



