नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है। हालांकि 90 दिन के लिए इस पर रोक लगाई गई है लेकिन इसका असर अभी से दिखने लगा है। दुनिया के कई देशों में उत्पादन में गिरावट आनी शुरू हो चुकी है। परचेजिंग मैनेजर्स के सर्वे में पता चला है कि यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी और ब्रिटेन में प्राइवेट सेक्टर का उत्पादन कम हुआ है। साउथ कोरिया में अप्रैल के पहले 20 दिनों में एक्सपोर्ट 5.2% कम हुआ है। IMF ने अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी समेत कई देशों के लिए इकनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया है।
एक्सपोर्ट की भूमिका
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जर्मनी में उत्पादन में यह गिरावट कई वजहों से हो सकती है। टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता जैसे अंतरराष्ट्रीय कारणों के अलावा यह घरेलू आर्थिक कमजोरी को भी दिखाता है। इसका मतलब है कि सिर्फ टैक्स ही नहीं, बल्कि जर्मनी की अपनी अर्थव्यवस्था भी कमजोर है। आईएमएफ के मुताबिक इस साल जर्मनी की इकॉनमिक ग्रोथ जीरो रहने का अनुमान है। जर्मनी की इकॉनमी में एक्सपोर्ट की अहम भूमिका है।
साउथ कोरिया का हाल
ट्रंप के इंपोर्ट टैरिफ की वजह से ग्लोबल ट्रेड में गिरावट आ रही है। साउथ कोरिया की कस्टम्स सर्विस ने बताया कि अप्रैल के पहले 20 दिनों में एक्सपोर्ट 5.2% कम हुआ है। साउथ कोरिया की इकॉनमी में भी एक्सपोर्ट की अहम भूमिका है। आईएनजी के सीनियर इकोनॉमिस्ट मिन जू कांग ने कहा कि यह डेटा ट्रेड की दिशा बताने वाला एक अहम इंडिकेटर है। सर्वे के लिए डेटा 9-22 अप्रैल के बीच इकट्ठा किया गया था। इसका मतलब है कि ये आंकड़े हाल ही के हैं और मौजूदा स्थिति को दर्शाते हैं।