भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में हिंदू लड़कियों के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग की कई घटनाएं हाल ही में एक-एककर सामने आई हैं। सभी घटनाओं में समान बात यह भी पता चली है कि आरोपित हिंदू लड़कियों को फंसाने के बाद उन्हें इस्लाम की शिक्षा दे रहे थे।
आरोपित लड़कियों में सनातन परंपरा के विरुद्ध जहर भरते और फिर समझाते कि हमारी दुआ में बहुत ताकत होती है। उनका ब्रेन वाश कर उन्हें बताते थे कि कलमा क्या होता है। रोजा क्यों रखा जाता है। हमारे इस्लाम में पद्धति कठिन जरूर है लेकिन दुआ जल्दी स्वीकार होती है।
पीड़ित लड़कियों के बयान और बरामद साक्ष्यों से ऐसे कई तथ्य मिले हैं, जिससे पता चलता है कि फरहान और उसके साथियों का यह संगठित अपराध कई वर्षों से चला आ रहा था। भोपाल में दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग कांड के मुख्य आरोपित फरहान के ही मोबाइल में पुलिस को 64 लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं। इनमें से 58 टीआईटी कॉलेज में पढ़ चुकी हैं।
जोया लड़कियों को फोन करती थी
हिंदू लड़कियों को फंसाने में फरहान की बहन जोया उसकी और अन्य आरोपितों की मदद किया करती थी। पीड़ित लड़कियों ने बताया कि जब वे फरहान से दूर जाने का प्रयास करती थी, तब जोया उन्हें फोन किया करती थी कि फरहान भाई अपसेट हैं। भाई आपको बहुत मानते हैं, आप उनसे एक बार बात कर लो।
जोया भी वीडियो वायरल करने की धमकी देती थी
एक पीड़िता ने जब जोया से दुष्कर्म और ब्लैकमेल की शिकायत की। उससे कहा कि फरहान के मोबाइल से वीडियो डिलीट कर दो, वह हमारे वीडियो वायरल करने की धमकी देता है, तो जोया ने डराया कि ज्यादा बोला तो भाई बाद में करेगा, मैं तेरे वीडियो पहले वायरल कर दूंगी। लापरवाही का चरम यह है कि इन तथ्यों के सामने आने के बाद भी भोपाल पुलिस ने जोया व फरहान के अन्य स्वजन को आरोपित नहीं बनाया।
माता के जगराते में शामिल होते थे फरहान व अन्य आरोपित
हिंदू लड़कियों को फंसाने और उनका विश्वास जीतने के लिए आरोपित माता के जगराते में भी शामिल होते थे। इसके बाद वे कहते कि आज से मैं भी वर्मा हो गया।
जम्मू-कश्मीर और बंगाल के सर्वाधिक छात्र
भोपाल स्थित टीआईटी कॉलेज में जिन हिंदू छात्राओं को लव जिहाद का शिकार बनाया गया, उस कॉलेज में जम्मू-कश्मीर और बंगाल के छात्र अधिक संख्या में प्रवेश लेते हैं। इनमें भी अधिकांश मुस्लिम वर्ग से आते हैं। यही वजह है कि कॉलेज प्रबंधन ने आरोपितों को बेजा संरक्षण दिया हुआ था। इस गिरोह में कई फैकल्टी के भी शामिल होने की बात पीड़िताओं ने बताई है।