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नई दिल्ली: भारत की आर्थिक तस्वीर जल्दी ही बदलने वाली है। टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल की शुरुआत में जीडीपी, महंगाई और औद्योगिक उत्पादन जैसे बड़े आर्थिक आंकड़े अपडेट किए जाएंगे ताकि इन्हें आज के समय के हिसाब से लोगों की कमाई और खर्च को सही ढंग से दिखाया जा सके। साथ ही एक नया इंडेक्स भी आएगा जो तेजी से बढ़ते सर्विस सेक्टर को ट्रैक करेगा। इससे पता चलेगा कि देश के विकास में किस सेक्टर की सबसे ज्यादा भूमिका है।

इसके तहत सबसे पहले 27 फरवरी को जीडीपी के नए आंकड़े आएंगे जो 2022-23 की कीमतों पर आधारित होंगे। बजट बनाने के लिए 7 जनवरी को जो शुरुआती अनुमान जारी होंगे वे अभी पुराने आंकड़ों पर ही आधारित होंगे। फरवरी में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय खुदरा महंगाई के नए आंकड़े भी जारी करेगा। ये 2023-24 की कीमतों पर आधारित होंगे और जनवरी की महंगाई को मापेंगे।

बेस ईयर में बदलाव

इसके बाद अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक का नया संस्करण आएगा, जिसका आधार वर्ष 2022-23 होगा। फिर सर्विस सेक्टर इंडेक्स भी आएगा। यह पहली बार होगा जब भारत की अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े हिस्से यानी सर्विस सेक्टर को ट्रैक करने के लिए एक अलग इंडेक्स बनाया जाएगा। इस इंडेक्स पर लगभग दो दशक से काम चल रहा था। यह बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि डिजिटल अर्थव्यवस्था और लॉजिस्टिक्स जैसे नए सेक्टर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं।यह नया डेटा सिस्टम पिछले कई साल में सबसे बड़ा बदलाव है। बेस ईयर को एक दशक से भी ज्यादा समय बाद बदला जा रहा है। अभी जो सरकारी अनुमान हैं, वे 2011-12 की कीमतों पर आधारित हैं। इस दौरान लोगों की खर्च करने की आदतें भी बहुत बदल गई हैं। पहले लोग खाने पर ज्यादा खर्च करते थे लेकिन अब स्मार्टफोन जैसी चीजें आम हो गई हैं।

क्या होगा फायदा?

इसके अलावा, यह बदलाव मौजूदा डेटा में कुछ खास कमियों को भी दूर करेगा। मसलन अभी पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत मिलने वाले अनाज पर कोई खर्च नहीं दिखाया जाता क्योंकि लोगों को इसके लिए सीधे पैसे नहीं देने पड़ते। मंत्रालय अभी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में भी सुधार कर रहा है। इसका मकसद है कि वस्तुओं के वजन को अपडेट किया जाए, कंजम्पशन बास्केट को बदला जाए और इंडेक्स को और मजबूत बनाने के लिए तरीकों में सुधार किया जाए।