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मध्यप्रदेश में मंगलवार से वोटर लिस्ट के गहन परीक्षण यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की शुरुआत हो गई है। पहले दिन कई जिलों में लापरवाही नजर आई। उज्जैन में फॉर्म ही नहीं छपे। इससे वोटर को फॉर्म नहीं मिल सके।

धार में निर्वाचन कार्य में बड़ी लापरवाही सामने आई। जो फॉर्म दिए जाने थे, उसका दूसरा पेज प्रिंट ही नहीं हुआ। दूसरी ओर, भोपाल और इंदौर में कलेक्टर खुद मतदाताओं के बीच पहुंचे।

एसआईआर को लेकर उज्जैन में भी मंगलवार से काम शुरू होना था, पर गणना पत्रक ही नहीं छपे। इस वजह से पहले दिन फॉर्म वोटर्स के पास नहीं पहुंचे। डोर-टू-डोर सर्वे की शुरुआत कब से होगी, यह भी तय नहीं है। ग्वालियर और जबलपुर में फार्म वितरण शुरू हो गया है।

भोपाल के कई मतदान केंद्रों पर पहुंचे कलेक्टर भोपाल में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह हुजूर विधानसभा के बूथ नंबर-33, 34, 35, 36, 37 और 38 में पहुंचे। यहां उन्होंने मतदाताओं से बात की। वहीं, बीएलओ के काम को भी देखा। कलेक्टर ने बताया, भोपाल में सभी 2029 बूथ लेवल ऑफिसर और 250 सुपरवाइजर काम में लगे हैं। सभी एसडीएम और तहसीलदार भी फिल्ड में घूमकर काम पर नजर रखे हुए हैं।

प्रत्येक बीएलओ को 3 बार तक घर जाना होगा और मतदाता को ‘गणना पत्रक’ देना होगा, जो दो प्रति में होगा। एक मतदाता के पास रहेगी और दूसरी बीएलओ के पास। वर्तमान में भोपाल जिले में कुल 21 लाख वोटर्स हैं। पहले दिन कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भी कई इलाकों में पहुंचकर फाॅर्म वितरित किए।

वहीं, सभी एसडीएम और तहसीलदार भी काम में जुटे रहे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि अगले चार से पांच दिन तक फॉर्म वितरण किया जाएगा। इसके बाद ये फॉर्म कलेक्ट किए जाएंगे। वहीं, आगामी प्रक्रिया होगी।

इंदौर में कलेक्टर ने बुजुर्ग मतदाता से भरवाया फॉर्म इंदौर जिले में आज से मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम शुरू हो चुका है। अभियान के तहत बीएलओ खुद मतदाताओं के घर पहुंचकर जांच कर रहे हैं। पहले दिन कलेक्टर शिवम वर्मा खुद मतदाता के घर पहुंचे।

वे अपनी टीम के साथ इमली बाजार में रहने वाले 95 वर्षीय वासुदेव वर्मा के घर पहुंचे और उन्हें SIR से जुड़ी जानकारी दी। उनका फाॅर्म भी भरवाया। इस दौरान वासुदेव वर्मा ने कलेक्टर साथ अपना अनुभव भी सांझा किया। इस पर कलेक्टर ने खुशी जताई है।

वासुदेव वर्मा ने उन्हें बताया, उन्होंने आज तक सभी चुनाव के दौरान अपने मत का प्रयोग किया है। वे SIR को लेकर भी काफी उत्साहित थे। कलेक्टर भी वर्मा से मिलाकर बेहद खुश नजर आए।

इंदौर में एक माह तक मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम चलेगा। इस दौरान फर्जी, डुप्लीकेट और बाहरी लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाया जाएगा। अभियान के तहत बीएलओ सभी मतदाताओं के घर-घर पहुंचकर वैरिफिकेशन करेंगे।

उज्जैन में कल से काम शुरू होने की उम्मीद

एसआईआर (SIR) मंगलवार 4 नवंबर से शुरू होना था। लेकिन उज्जैन जिले में ये काम शुरू नहीं हो पाया है। इसके पीछे कारण पत्रक का उज्जैन तक नहीं पहुंच पाना बताया जा रहा है। वही कुछ अधिकारी कह रहे है कि एक दिन की ट्रेनिंग और बची है उसके बाद कल बुधवार से एसआईआर (SIR) का काम शुरू होगा।

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण ( एसआईआर) का काम उज्जैन में पहले दिन शुरू ही नहीं हो पाया है। बीएलओ को मंगलवार से जो गणना पत्रक ( इम्यूनरेशन फार्म) मतदाताओं के घर – घर जाकर बांटना थे वो सुबह तक भी छपकर नहीं पहुंच पाए हैं।

एसडीएम व तहसीलदार सुबह तक गणना पत्रक आने का इंतजार करते नजर आए। बड़नगर एसडीएम का दावा था की दोपहर तक पत्रक आ जायेंगे। जिसको बीएलओ तक जल्द ही पहुंचा देंगे। इधर उज्जैन शहर में भी पत्रक नहीं पहुंच पाने के बजह से कार्य शुरू ही नहीं पाया।

उज्जैन एसडीएम कृतिका भीमावद ने बताया कि दक्षिण की अभी ट्रेनिंग बची है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही बीएलओ फील्ड में जाकर काम शुरू कर पाएंगे। बड़नगर एसडीएम धीरेन्द्र पाराशर ने बताया कि गणना पत्रक आने वाले थे लेकिन लेट हो गए हैं। जल्द ही गणना पत्रक आ जाएंगे। उसके बाद बीएलओ तक पहुंचा देंगे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि पत्रक उज्जैन आ गए है काम कल से शुरू हो सकेगा।

ग्वालियर में 20% तक गणना पत्रक वितरित किए ग्वालियर में पहले दिन मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य शुरू हो चुका है। करीब ग्वालियर की 6 विधानसभा क्षेत्र में 20 परसेंट तक गणना पत्रों का वितरण किया गया है। यहां विधानसभा क्षेत्र 14, 15, 16, 17, 18 और 19 के वार्डों में फॉर्म वितरित किए गए हैं।

जबलपुर में फॉर्म बांटना शुरू उप जिला निर्वाचन ज्योति परस्ते का कहना है कि जबलपुर जिले में sir के फाॅर्म छप रहे हैं। बीएलओ से भरने का काम भी कर रहे हैं। हाल ही में इनकी ट्रेनिंग भी करवाई गई है। कैंट विधानसभा से blo फोटो के साथ फाॅर्म भरने को लेकर जानकारी भी भेज रहे हैं।

2003 के बाद इस तरह से सर्वे बता दें कि साल 2003 के बाद पहली बार वोटर लिस्ट का डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। जिन लोगों के नाम 2003 की लिस्ट में नहीं हैं और वर्तमान लिस्ट में हैं, उन्हें बताना होगा कि परिवार में किसका नाम 2003 की लिस्ट में था। बीएलओ फॉर्म में दी गई जानकारी के आधार पर इसे वेरिफाई करेंगे। जानकारी सही होने पर ही नाम जुड़ेगा।