नई दिल्ली: चीन और अमेरिका जिस चीज पर ज्यादा इतराते हैं, भारत ने उसकी काट निकालनी शुरू कर दी है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics) सेमीकंडक्टर बनाने की तैयारी कर रही है। कंपनी चिप बनाने और उनकी टेस्टिंग के लिए प्लांट लगा रही है। कंपनी अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग के लिए ताइवान भेज रही है ताकि इस काम को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने अब तक करीब 200 कर्मचारियों को ताइवान भेजा है। ये कर्मचारी पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (PSMC) में ट्रेनिंग ले रहे हैं। PSMC टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की टेक्नोलॉजी पार्टनर है। इन कर्मचारियों को खास तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है। ये ट्रेनिंग उन्हें गुजरात के धोलेरा (Dholera) में लगने वाले प्लांट को चलाने में मदद करेगी। सेमीकंडक्टर एक तरह का मटीरियल होता है, जो बिजली को कंट्रोल करने में मदद करता है। ये मोबाइल फोन और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों में इस्तेमाल होता है।
प्लांट शुरू करने की तैयारी
एक सूत्र ने बताया कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स से ट्रेनिंग के लिए ताइवान जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। कंपनी अपने प्लांट को शुरू करने की तैयारी कर रही है। सबसे बड़ी दिक्कत टैलेंट की है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स एक तय योजना के हिसाब से काम कर रहा है। PSMC एक बार में कुछ ही लोगों को ट्रेनिंग दे सकता है। इसलिए कंपनी करीब 50 से 75 लोगों को एक बार में भेज रही है।
91000 करोड़ का प्लांट
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स धोलेरा में 91,000 करोड़ रुपये का प्लांट लगा रहा है। इससे 20,000 से ज्यादा लोगों को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी मिलेगी। इसके अलावा असम में 27,000 करोड़ रुपये का OSAT (Assembly and Test) फैसिलिटी बन रहा है। इससे लगभग 27,000 लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है।