काबुल/इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में अफगानिस्तान के लोग खुलकर भारत का समर्थन कर रहे हैं। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर को अभूतपूर्व बताया है। सालेह ने पड़ोसी देश के खिलाफ भारत के जवाबी हमले को "साहसिक और अभूतपूर्व" करार दिया है। जबकि भारत के हमले को ‘कायरतापूर्ण’ कहने वाले पाकिस्तानियों को आड़े हाथों लिया। इससे पहले उन्होंने 4 मई को अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में, ऑपरेशन सिंदूर से पहले कहा था कि "भारत ने अपने दुश्मन के गले में बिजली की कुर्सी का इस्तेमाल करने के बजाय एक बहुत लंबी रस्सी बांध दी है। भारत ने रस्सी को नौ गांठों से कस दिया है।" यहां "नौ गांठों" से उनका मतलब पाकिस्तान में 9 ठिकानों पर होने वाले सटीक हमलों को लेकर था। ये 9 ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन जैसे आतंकवादियों के हैं।
यानि सालेह ने जो इशारा दिया था वो बिल्कुल सटीक निकला। अमरुल्लाह सालेह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भारत के नये ऑपरेशन को लेकर एक और इशारा किया है। उन्होंने एक नये पोस्ट में इशारा देते हुए लिखा है कि "भारत की जवाबी कार्रवाई साहसिक, अभूतपूर्व और अपने वादे पर खरी उतरी। यह अभी भी एक लंबी रस्सी की रणनीति लगती है, क्योंकि इसने सबसे पहले ‘असली हाथ’ को निशाना बनाया।" यानि वो इशारा कर रहे हैं कि भारत ने ‘असली हाथ’ को निशाना बना लिया है, लेकिन पीछे जिनका हाथ है उन्हें निशाना बनाया जाना बाकी है।