Spread the love

प्रदेश में टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और अभ्यारण्य के आस-पास संचालित होटल और रिसॉर्ट संचालक भी अब अपने वाहनों से अपने यहां रुकने वाले पर्यटकों को जंगल सफारी करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें पर्यटकों के एंट्री टिकट लेना होंगे और जंगल सफारी के लिए वन विभाग द्वारा अधिकृत निजी वाहनों को तय सफारी शुल्क के 70 प्रतिशत बराबर की राशि जमा करनी होगी। साथ ही उन्हें दस हजार रुपए देकर जंगल सफारी वाले वाहन को गैर रोस्टर रजिस्टर में पंजीयन भी कराना होगा।

दो कैटेगरी में होगी व्यवस्था

प्रदेश में टाइगर रिजर्व और वन्य जीव अभ्यारण्य में पर्यटन के लिए जाने वाले लोग अब वन विभाग की जिप्सी के अलावा स्थानीय होटल संचालकों के वाहनों से भी सफारी का आनंद ले सकेंगे। वन विभाग ने इसको लेकर नियमों में संशोधन कर दिया है। इसके लिए वन विभाग के नियम 34 के उपनियम 7 (3) को विलोपित करते हुए अब संशोधित उपनियम 7 (3) में रजिस्टर्ड वाहनों की दो कैटेगरी तय कर दी गई है।

पहली कैटेगरी के वाहन रोस्टर सिस्टम से चलेंगे। रोस्टर सिस्टम संरक्षित क्षेत्र के सक्षम अधिकारी के यहां रजिस्टर्ड पर्यटक वाहन संस्था द्वारा संरक्षित क्षेत्र की स्थानीय परिस्थितियों पर आधारित प्रबंधन द्वारा संचालित होंगे।

दूसरी कैटेगरी के वाहन रोस्टर में नहीं रहेंगे। ऐसे वाहन स्थानीय होटल के होंगे और केवल अपने निवासी पर्यटक को लेकर ये वाहन संरक्षित क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि जब दूसरी कैटेगरी वाले ये वाहन संरक्षित वन क्षेत्र में प्रवेश करेंगे तो रोस्टर में आने वाले वाहन को नियम 34 के उपनियम 7 (6) के अनुसार क्षतिपूर्ति प्रदान करेंगे। दोनों ही कैटेगरी के लिए रजिस्टर्ड वाहनों में रोस्टर और गैर रोस्टर साफ तौर पर लिखा जाएगा।

होटल के वाहनों के 10 हजार पंजीयन शुल्क

वन विभाग ने दोनों ही कैटेगरी के वाहनों के लिए पंजीयन शुल्क भी तय कर दिया है। पहली कैटेगरी वाले वाहनों के लिए नियम 34 के उपनियम 7 (8) में बदलाव करते हुए अब इस उपनियम में यह व्यवस्था की गई है कि पहली कैटेगरी यानी रोस्टर वाले वाहनों के लिए पंजीयन शुल्क 2000 रुपए और दूसरी कैटेगरी यानी होटल से आने वाले और गैर रोस्टर वाले वाहनों के लिए पंजीयन शुल्क 10 हजार रुपए प्रति वाहन होगा। यह राशि संरक्षित वन क्षेत्र की पार्क विकास निधि में जमा किया जाएगा। नियमों में यह बदलाव 14 अक्टूबर से लागू कर दिए गए हैं।

जंगल सफाई के लिए टिकट की यह नई व्यवस्था

  • अब जंगल सफारी के लिए फील्ड डायरेक्टर के 10% कोटा के अलावा 90% टिकट दिए जाने को लेकर भी नियम बदले गए हैं।
  • इसमें 70% टिकट ऑनलाइन दिए जाने का प्रावधान किया गया है जिसमें पूरा सफारी वाहन बुक कराना होगा।
  • 10% एंट्री टिकट उन लोगों के लिए होंगे जो पूरा सफारी वाहन न बुक कराकर सिर्फ सिंगल सीट लेना चाहते हैं।
  • शेष 10% सिंगल सीट सफारी के एक दिन पहले दोपहर दो बजे तक ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी।

उधर एक अन्य नोटिफिकेशन में वन्य प्राणी पर्यटन क्षेत्रों की कैटेगरी से माधव टाइगर रिजर्व, रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व और पद्मश्री डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर टाइगर रिजर्व रातापानी के कोर क्षेत्र के लिए प्रवेश शुल्क तय कर दिया गया है। यह पहले से घोषित टाइगर रिजर्व का आधा होगा।