इस्लामाबाद/काबुल: पाकिस्तान और तालिबान के बीच का तनाव काफी बढ़ गया है। शुक्रवार रात पाकिस्तान के हवाई हमलों में अफगानिस्तान के तीन क्रिकेट खिलाड़ियों की मौत हो गई है। लेकिन इन सबके बीच दावा किया गया है कि भारत ने अपनी टेक्निकल टीम को अफगानिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की मरम्मत करने के लिए काबुल भेज दिया है। ये रिपोर्ट असल में दो सोर्स से की गई हैं। अफगान एयर डिफेंस सिस्टम की मरम्मत को लेकर पहला दावा अफगानिस्तान की मीडिया ने किया था। वहीं अब दूसरा दावा पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट जावेद चौधरी ने किया है। जावेद चौधरी ऊर्दू भाषा के कॉलमनिस्ट हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत ने रूसी और अमेरिकी हथियारों की मरम्मत के लिए अपनी टीम को काबुल भेज दिया है।
वहीं अभी तक किसी स्वतंत्र स्रोत ने भी पाकिस्तान के आरोपों की पुष्टि नहीं की है। इसीलिए ये पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा का हिस्सा भी हो सकता है। 16 अक्टूबर को जावेद चौधरी ने एक लेख में दावा किया है कि भारत, अफगानिस्तान को रूसी और अमेरिकी मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम्स (MANPADS) को फिर से एक्टिव करने में मदद कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय तकनीशियन अफगानिस्तान भेजे गए हैं ताकि वहां मौजूद इन पोर्टेबल मिसाइल सिस्टम्स को दोबारा चालू किया जा सके और तालिबान बलों को इनके इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी जा सके।
जावेद चौधरी ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली इन हथियारों की मरम्मत और स्थानीय उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने में काबुल की मदद कर रही है, ताकि पाकिस्तान वायुसेना (PAF) के लड़ाकू विमानों को निशाना बनाया जा सके। जावेद चौधरी पाकिस्तान के ऊर्दू अखबार डेली एक्सप्रेस में कॉलम लिखते हैं और उन्होंने अपने लेख में इसे पाकिस्तान की संप्रभुता का सीधा उल्लंघन बताया है। जावेद चौधरी के अलावा भी पाकिस्तान के कई पत्रकारों और मीडिया के लेखों में आरोप लगाया गया है कि भारत, तालिबान की मदद कर रहा है। चौधरी के मुताबिक यह पहल सिर्फ हथियारों की मरम्मत तक सीमित नहीं है, बल्कि अफगान बलों को प्रशिक्षण देकर उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ "प्रभावी प्रतिरोध" बनाने की कोशिश है। उन्होंने दावा किया कि तालिबान, अब भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ रणनीतिक साझेदारी बना रहा है।
आपको बता दें कि तालिबान अब भी सोवियत काल के SA-7 ग्रेल मिसाइलों और 1980 के दशक के अमेरिकी स्टिंगर MANPADS पर निर्भर है, जो पिछले कई सालों से निष्क्रिय पड़े हैं। MANPADS यानी Man-Portable Air-Defense Systems कंधे से दागे जाने वाले मिसाइल सिस्टम होते हैं। इन्हें एक सैनिक अकेले ऑपरेट कर सकता है। इनका मुख्य मकसद कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान, हेलीकॉप्टर या ड्रोन को निशाना बनाना होता है। MANPADS इंफ्रारेड, लेजर या रेडियो गाइडेंस टेक्नोलॉजी से लक्ष्य को ट्रैक करते हैं। सोवियत संघ का SA-7 Grail और अमेरिका का FIM-92 Stinger इसके प्रमुख उदाहरण हैं। 1980 के दशक में अफगान युद्ध के दौरान स्टिंगर मिसाइलों ने सोवियत हेलीकॉप्टरों को भारी नुकसान पहुंचाया था। आज भी ये सिस्टम आधुनिक युद्ध में बेहद प्रभावी और रणनीतिक हथियार माने जाते हैं।



