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पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो की सरकार में सांसद रहे दिवाया राम हरियाणा के फतेहाबाद में आइसक्रीम बेच रहे हैं। हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से परेशान होकर उनका परिवार 25 साल पहले टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान से भारत आया था।

उनके परिवार में 30 सदस्य हैं। इनमें 2 महिलाओं समेत 6 लोगों को भारत की नागरिकता मिल चुकी है, जबकि बाकी लोगों ने आवेदन किया हुआ है।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिवाया राम फिर चर्चा में आए हैं। 80 साल के दिवाया राम कहते हैं…

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हम भारत में ही रहकर बाकी जीवन जीना चाहते हैं। अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने का मौका मिला तो मैं सबसे पहले हथियार उठाऊंगा।

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वहीं फतेहाबाद के SP सिद्धार्थ जैन का कहना है कि जिले में कुछ लोग पाकिस्तान से आकर रह रहे हैं। इन्होंने नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया हुआ है। आवेदनों की जांच कर रही है। नियम के तहत फिलहाल किसी को पाकिस्तान नहीं भेजा जाएगा।

दिवाया राम ने क्यों पाकिस्तान छोड़ा और कैसे आइसक्रीम बेचने लगे, जानिए पूरी कहानी….

अत्याचार से परेशान होकर इस्तीफा दिया दिवाया राम बताते हैं कि पाकिस्तान की संसद में अल्पसंख्यकों के लिए कुछ पद आरक्षित होते हैं। इसी कारण 1989 में उन्हें सांसद बनाया गया, लेकिन सांसद बनने के बाद, वहां के दबंग लोगों ने एक लड़की को उठा लिया। सत्ता में होने के बावजूद वे कुछ नहीं कर पाए। इस घटना से परेशान होकर उन्होंने कुछ ही दिनों में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

भारत आया तो एक महीने का वीजा था पाकिस्तान में आए दिन अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे थे। ऐसे में दिवाया राम ने 2000 में अपने परिवार को लेकर भारत में बसने का निर्णय लिया। जब वे भारत आए, तो उनके पास केवल एक महीने का वीजा था। 2018 तक वे अपने परिवार का वीजा बढ़वाते रहे। पहले वीजा हर साल बढ़ता था, लेकिन बाद में यह 5 साल के लिए बढ़ने लगा।

पत्नी, बच्चों समेत 13 लोग आए दिवाया राम बताते हैं कि जब वे पाकिस्तान से भारत आए, तो उनके साथ उनकी पत्नी राजो रानी, मां, 8 बेटे रंगू राम, रामलाल, शंकरलाल, खेमलाल, सिकंदर लाल, खेताराम, टेकाराम, दर्शनलाल और 2 बेटियां सहित कुल 13 लोग थे। अब उनके परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़कर 30 हो चुकी है। सबसे पहले वे रोहतक के मदीना गांव में रहे।

फिर 2008 में रतिया के रतनगढ़ में आकर बस गए। इस दौरान एक और बेटी का जन्म हुआ। रतनगढ़ में ही उन्होंने अपनी तीनों बेटियों और 8 बेटों की शादी करवाई।

पाकिस्तान में दादा की 25 एकड़ जमीन दिवाया राम ने बताया कि उनके दादा की पाकिस्तान में अब भी 25 एकड़ जमीन है। यह जमीन पाकिस्तान के बखर जिले की दरियापुर तहसील के पंचगिरेह क्षेत्र में स्थित है। भारत में रहने के कारण उनके परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड और अन्य प्रमाण पत्र भारत के बन चुके हैं। जल्द ही उन्हें भारतीय नागरिकता मिलने की उम्मीद है।

चचेरे भाई भी रतिया आकर रहने लगे दिवाया राम का चचेरा भाई ओमप्रकाश भी अपने पिता सोना राम, 3 भाइयों और अन्य परिवार के सदस्यों के साथ 2006 में पाकिस्तान से रतिया आ गया था। भारत आने के 3 साल बाद, 2009 में, ओमप्रकाश की शादी उस समय के विधायक ज्ञानचंद ओढ़ी के नजदीकी रिश्तेदार के घर सरदारेवाला गांव में हुई। उनके 2 अन्य भाइयों की शादी भी फतेहाबाद जिले में हुई।

ओमप्रकाश ने बताया कि उनके परिवार के 6 सदस्यों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है। परिवार के अन्य सदस्यों के दस्तावेज भी भारत सरकार के पास भेजे गए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही वे सभी भारतीय नागरिक कहलाएंगे।