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महिला सशक्तिकरण का नारा ग्वालियर की जमीन पर एक सशक्त तस्वीर बन चुका है। यहां "शक्ति दीदी’ नाम की पहल ने दर्जनों महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। पहले, पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरना पुरुषों का काम माना जाता था। अब 45 महिलाएं जिले के 30 पेट्रोल पंपों पर यह जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

यह बदलाव जनसुनवाई से शुरू हुआ। हर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचने वाली जरूरतमंद, विधवा और कमजोर वर्ग की महिलाओं से संवाद के दौरान कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोचा, क्यों न इन्हें पेट्रोल पंप पर मौका दिया जाए? महिलाओं से राय ली गई, डीलरों से चर्चा हुई, और फिर शुरुआत हो गई।

इसकी शुरुआत 2 जनवरी को हुई। पहले चरण में 5 पेट्रोल पंपों पर 7 महिलाओं की तैनाती हुई। इसके बाद फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में भी यह सिलसिला जारी रहा। अब तक 45 महिलाएं नियमित रूप से सुबह 9 से शाम 5 तक ड्यूटी कर रही हैं। कई महिलाएं वे हैं, जो कल तक घर खर्च चलाने में जूझ रही थीं। आज वे पूरे आत्मविश्वास से काम कर रही हैं। घर की आर्थिक रीढ़ बन चुकी हैं। ट्रेनिंग के साथ सुरक्षा भी दी जा रही है।