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मध्यप्रदेश में इंदौर संभाग के 4 जिले- बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर में शनिवार को हल्की बूंदाबांदी और बादल छाए रहेंगे। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में धूप खिली रहेगी।

इधर, हवा की दिशा बदलने से रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। गुरुवार-शुक्रवार की रात में ज्यादातर शहरों में पारा 20 डिग्री से अधिक रहा। छतरपुर का नौगांव ही ऐसा शहर है, जहां पारा 15 डिग्री रहा। दूसरी ओर, दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली है। उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, खजुराहो में पारा 33 से 34 डिग्री के बीच चल रहा है।

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, शनिवार को दक्षिणी जिलों में बूंदाबांदी होने के आसार है। वहीं, रविवार और सोमवार को मौसम साफ रहेगा। कहीं भी बारिश का अलर्ट नहीं है।

नवंबर-जनवरी में पड़ेगी कड़ाके की सर्दी मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाता है, जो जनवरी तक रहता है। इस बार फरवरी तक ठंड का असर रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि आने वाले सर्दियों के मौसम में 2010 के बाद सबसे भीषण ठंड का अहसास हो सकता है। सर्दियों के दौरान इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश देखने को मिल सकती है, उत्तर-पश्चिम भारत के इलाकों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अधिक संख्या में प्रभावित करेंगे। आईएमडी ने भी जल्द ही ला-नीना परिस्थितियां विकसित होने की पुष्टि की है।

पूरे एमपी से विदा हो चुका है मानसून मौसम विभाग के अनुसार, पूरे प्रदेश से मानसून विदा हो गया है। इस साल मानसून 3 महीने 28 दिन एक्टिव रहा। 16 जून को प्रदेश में मानसून की एंट्री हुई थी और 13 अक्टूबर को वापसी की। बावजूद बारिश का दौर बना रहेगा।

इस बार प्रदेश में मानसून की ‘हैप्पी एंडिंग’ रही। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिले ऐसे रहे, जहां ‘बहुत ज्यादा’ बारिश दर्ज की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला गुना है। जहां पूरे सीजन 65.7 इंच पानी गिर गया, जबकि श्योपुर में 216.3% बारिश हुई। एक्सपर्ट की माने तो अच्छी बारिश होने से न सिर्फ पेयजल बल्कि सिंचाई के लिए भी भरपूर पानी है। भू-जल स्तर भी बढ़ा रहेगा। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला है, जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) ही बारिश हुई है।

मानसूनी सीजन में मौसम विभाग ने प्रदेश में 106 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान जताया था, लेकिन 15 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर गया। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में दोगुनी बारिश हो गई। इंदौर, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर संभाग के 50 जिलों में कोटा फुल रहा। वहीं, भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के 4 जिले- उज्जैन, शाजापुर, बैतूल और सीहोर में 81.1 से 98.6 प्रतिशत बारिश हुई। इन जिलों में कोटा पूरा नहीं हो पाया। हालांकि, इनमें से तीन जिले- उज्जैन, सीहोर और बैतूल में आंकड़ा 94% से ज्यादा ही है। इस वजह से ये सामान्य बारिश के आसपास ही है, लेकिन शाजापुर ‘बारिश की भारी कमी’ की कैटेगरी में है। यहां कोटे का 81 प्रतिशत पानी ही गिरा।