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बिलासपुर, छठ महापर्व आज यानी 25 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। पहले दिन नहाय खाय के साथ पर्व का आगाज होगा। इस दिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के तोरवा स्थित छठ घाट पर शाम को अरपा मइया की महा आरती की जाएगी।

इसके लिए अरपा तट को आकर्षक लाइट से सजाया गया है, जिससे यहां का नजारा दिवाली जैसे हो गया है। इसके साथ ही चार दिनों तक पर्व की धूम रहेगी। बता दें कि अरपा का छठ घाट देश का सबसे बड़ा स्थायी घाट है, जहां एक साथ 50 हजार से अधिक छठव्रती सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं।

पिछले एक हफ्ते से चल रही तैयारी

तोरवा छठ घाट पर पाटलीपुत्र संस्कृति विकास मंच, भोजपुरी समाज और सहजानंद समाज के संयुक्त तत्वाधान में महापर्व पिछले 25 सालों से मनाया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष डॉ धमेंद्र दास ने बताया कि महापर्व को लेकर सिल्वर जुबली वर्ष मनाया जा रहा है। इसे लेकर तोरवा छठ घाट में एक हफ्ते से तैयारी चल रही है।

घाट की साफ-सफाई के बाद आकर्षक लाई​टिंग की गई है। बुधवार (22 अक्टूबर) को महापर्व की सुरक्षा व्यवस्था और तैयारी को लेकर कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसएसपी रजनेश सिंह, निगम आयुक्त अमित कुमार घाट का​ निरीक्षण करने पहुंचे।

यहां देश के सबसे बड़े छठघाट में एक साथ 50 हजार से अधिक लोग सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस बार यह पर्व 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगा।

अरपा मइया की महाआरती, नहाय-खाय से पर्व की शुरुआत

इस बार 28 अक्टूबर को छठ पर्व का समापन होगा। पाटलीपुत्र विकास मंच की ओर से इस दिन शाम को 6 बजे अरपा मइया की महाआरती की जाएगी। चार दिनी इस उत्सव में रविवार 26 अक्टूबर को खरना और 27 अक्टूबर रविवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करेंगी।

दूसरे दिन 28 अक्टूबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पर्व का समापन होगा और व्रत की पारणा की जाएगी। सूर्य आराधना के इस पर्व में सूर्य देव की पूजा-अर्चना कर छठी मइया की भी पूजा की जाती है।

जानिए इसलिए है देश का सबसे बड़ा छठघाट, 7 एकड़ में घाट का निर्माण

पर्व मनाने घाटों, नदी या तालाब के घाटों का विशेष महत्व है। यहां डूबते और फिर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है। छठ पूजा के लिए बिहार में सैकड़ों घाट हैं।

बिलासपुर जैसा स्थायी और बड़ा घाट तो पर्व के उद्गम स्थल बिहार में भी नहीं है। बिलासपुर के तोरवा स्थित छठ घाट साढ़े 7 एकड़ में फैला हुआ है। यहां एक किलोमीटर एरिया में पूजा और अर्घ्य के लिए बेदी बनाई जाती है। जिसमें 50 हजार से अधिक श्रद्धालु एक साथ सूर्य देव को अर्घ्य दे सकते हैं।

आकर्षक लाइट से सजा अरपा तट

छठ पर्व के दौरान आयोजन समिति की तरफ से तोरवा स्थित छठघाट में विशेष इंतजाम किए गए हैं। घाट की साफ-सफाई से लेकर व्रती महिलाओं के लिए नदी किनारे बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इसके साथ ही आयोजन स्थल पर आकर्षक लाइट और आतिशबाजी की भी व्यवस्था की गई है। रंग-बिरंगे पटाखों की लड़ियों से आसमान में सतरंगी छटा बिखरेगी।

इस आयोजन की तैयारी में समिति के प्रवीण झा, डॉ. धर्मेंद्र कुमार दास, अभय नारायण राय, सुधीर झा, बीएन ओझा, राम प्रताप सिंह, रौशन सिंह, विजय ओझा, दिलीप चौधरी, धनंजय झा, पंकज सिंह, कुमुद रंजन सिंह,

अमरेंद्र कंठ, पीसी झा, चंद्र किशोर प्रसाद, हरिशंकर कुशवाहा, सतीश सिंह, धीरज झा, प्रभात चौधरी, प्रशांत सिंह, रामसखा चौधरी, प्रशांत सिंह, रविंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, रूपेश कुशवाह सहित कार्यकर्ता जुटे हैं।