राजनांदगांव। विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 अंतर्गत आज डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम कलकसा, भैंसरा एवं मोखला में चौपाल का आयोजन किया गया तथा किसानों को रासायनिक खाद के उपयोग के बारे में तथा डीएपी के विकल्प के तौर पर अन्य रासायनिक खाद के उपयोग के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में जिले में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर ने कृषि विभाग, उद्यानिकी, कृषि विज्ञान केन्द्र, पशुधन विकास विभाग, मत्स्य पालन विभाग को आपसी समन्वय एवं सहयोग से कार्य करने के निर्देश दिए हंै। चौपाल में किसानों को खेती-किसानी के नवीनतम तकनीक के संबंध में जानकारी दी गई। इस दौरान उन्नत तकनीक के संबंध में जानकारी देने के साथ ही कीटनाशक एवं खरपतवार का कम उपयोग किस तरह करना चाहिए, इस संबंध में जानकारी दी जा रही है। किसानों को इकोनॉमिक थे्रसहोल्ड लेवल के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कीटो की संख्या को देखते हुए कीटनाशक का समुचित मात्रा में उपयोग करते हुए कीटों का प्रबंधन करना चाहिए। किसानों को कम लागत में अच्छी खेती करने के लिए विभिन्न उपाय एवं सुझाव दिए गए। फसल चक्र परिवर्तन अंतर्गत किसानों को धान के बदले कम पानी की कम खपत वाली फसल तथा लघु धान्य फसल कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन, मक्का सहित अन्य फसलों को लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। किसानों को रोपा लगाने के लिए धान पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन के संबंध में जानकारी दी गई और बताया गया कि इस मशीन के माध्यम से निर्धारित दूरी पर रोपा लगाना आसान हो गया है। कृषि यंत्रों के माध्यम से खेती-किसानी का कार्य सरल हो गया है। आधुनिक कृषि यंत्र ट्रेक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, स्प्रेयर, राइस ट्रायर, स्ट्रा बेलर, लेजर लैड लेवलर, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव जैसे कृषि यंत्र के संबंध में बताया गया।
किसानों को मृदा स्वास्थ कार्ड के संबंध में जानकारी दी गई तथा मृदा में पोषक तत्वों की कमी के अनुसार मृदा के स्वास्थ्य सुधार के लिए सुझाव दिए गए। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जरूर बनवाना चाहिए तथा मिट्टी के परीक्षण के आधार पर ही पोषक तत्वों का संतुलित उपयोग करना चाहिए। शासन की योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, आत्मा योजना सहित अन्य योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई। इस अवसर पर किसानों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। चौपाल में किसानों को जैविक खेती के महत्व से अवगत कराया गया। उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डेय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, कृषि मित्र एवं कृषि विभाग में तैनात समस्त अधिकारी-कर्मचारी किसानों के हित से जुड़ी शासन की योजनाओं एवं अन्य आवश्यक परामर्श दे रहे हैं। सहायक संचालक कृषि टीकम सिंह ठाकुर ने बताया कि अधिकांश क्षेत्र में निरंतर एक ही फसल की खेती करने के कारण सूक्ष्म पोषक तत्व कैल्शियम, मैगनीज, सल्फर, जिंक, कॉपर, मैग्निशियम, बोरान एवं मोलीब्डेनम आदि की खेती में कमी होती है। मिट्टी परीक्षण के उपरांत इन सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु वैज्ञानिक अनुशंसा के आधार पर सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग करना चाहिए।