विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन, भत्ते और सुविधाएं दिए जाने का फैसला एक माह में हो जाएगा। इसके लिए राज्य शासन द्वारा बनाई गई कमेटी एक माह में अपना निर्णय राज्य सरकार को दे देगी, जिस पर सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाकर उसे मंजूरी दिला सकती है। इसको लेकर पहले दौर की बैठक भी मंत्री, विधायकों की कमेटी ने कर ली है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने 27 अक्टूबर को आदेश जारी कर विधायकों, पूर्व विधायकों के वेतन, भत्ते, पेंशन आदि के संबंध में विचार करने के लिए समिति का गठन किया है। इस समिति में डिप्टी सीएम और वित्त व वाणिज्यिक कर व योजना और आर्थिक सांख्यिकी विभाग के मंत्री जगदीश देवड़ा, जबलपुर के पाटन से विधायक अजय विश्नोई और खरगोन जिले के कसरावद से विधायक सचिन यादव सदस्य बनाए गए हैं। समिति के सदस्य सचिव अपर मुख्य सचिव संसदीय कार्य विभाग अनुपम राजन बनाए गए हैं।
समिति के गठन के बाद 28 अक्टूबर को डिप्टी सीएम देवड़ा और विधायक अजय विश्नोई की मौजूदगी में पहली बैठक हो गई है। बताया जाता है कि इस बैठक में संसदीय कार्य विभाग के एसीएस से देश के सभी राज्यों के विधायकों और पूर्व विधायकों को मिलने वाले वेतन, भत्ते, पेंशन आदि सुविधाओं की जानकारी चाही गई। यह जानकारी तत्काल उपलब्ध नहीं होने के चलते समिति ने तय किया है कि अगली बैठक 11 नवम्बर को होगी तब संसदीय कार्य विभाग के द्वारा सभी राज्यों से संबधित जानकारी जुटाई जाकर समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
समिति ने मांगी है तुलनात्मक रिपोर्ट
विधायकों, पूर्व विधायकों के वेतन, भत्तों, पेंशन और अन्य सुविधाओं को बढ़ाए जाने के मामले में समिति ने संसदीय कार्य विभाग से तुलनात्मक रिपोर्ट स्टेटवाइज मांगी है। इसमें एमपी में विधायकों और पूर्व विधायकों को मिलने वाले वेतन, भत्ते, पेंशन, सुविधाओं और अन्य राज्यों में मिलने वाले भत्ते और सुविधाओं की रिपोर्ट मिलने के बाद उसका परीक्षण किया जाएगा और इसके बाद एक और बैठक बुलाकर इस मामले में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
बताया जाता है कि समिति 30 नवम्बर के पहले इसे सरकार को सौंपने की तैयारी में है ताकि एक दिसम्बर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की सरकार इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सके।
पावस सत्र में उठी थी वेतन, भत्ते बढ़ाने की मांग
विधानसभा के पावस सत्र के दौरान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत विपक्ष के विधायकों ने वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं को बढ़ाने की मांग सदन में रखी थी, जिसका समर्थन सत्ता पक्ष के विधायकों ने किया था।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सदन में वक्तव्य के दौरान भी इसका जिक्र आया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इसमें वृद्धि के लिए आश्वस्त किया था। इसी के चलते विधानसभा सत्र के पहले आनन-फानन कमेटी का गठन कर रिपोर्ट सरकार को सौंपने की तैयारी की गई है।



