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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में लव जिहाद की घटनाओं को बेहद गंभीरता से लेते हुए ऐसे मामलों में पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि लव जिहाद जैसी घटनाओं में शामिल आरोपितों पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

छेड़खानी करने वाले युवकों को शिक्षण केंद्र के स्तर पर भी बिल्कुल नहीं छोड़ा जाए। स्कूल और कालेज के स्तर पर छात्राओं और सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं के विरुद्ध अपराध घटित करने वाले तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में कोई रियायत न बरती जाए

अधिकारियों को चेतावनी

यह निर्देश मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कानून व्यवस्था को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में दिए। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि जो भी प्रभावी कार्रवाई नहीं करेंगे, वे अधिकारी मैदान में भी नहीं दिखेंगे। उन्हें हटा दिया जाएगा। इसके पहले कैबिनेट बैठक के बाद अनौपचारिक चर्चा में भी भोपाल सहित प्रदेश के अन्य स्थानों से सामने आ रहे लव जिहाद के मामलों पर चिंता जताते हुए कड़ी कार्रवाई करने की बात मंत्रियों ने कही।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा है कि प्रदेश में सामान्य अपराधों और महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के मामलों में प्रभावी कदम उठाए जाएं। शिक्षा केंद्रों पर विशेष सावधानी की आवश्यकता है। प्रदेश में एक समेकित अभियान संचालित कर छात्राओं और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनाया जाए।

मंत्री ने कहा- दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा

नियमित निगरानी भी की जाए। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े जिला अधिकारियों से प्रकरणों की जानकारी ली और अब तक की गई कार्रवाई के बारे में पूछा। इसके पहले कैबिनेट बैठक के बाद अनौपचारिक चर्चा में मंत्रियों ने इस विषय पर बात की और एक के बाद एक सामने आ रही घटनाओं पर चिंता जताई। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार इन मामलों को गंभीरता से ले ली है और किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।

माओवादी समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों को मिलेगी समयपूर्व पदोन्नति

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2026 तक माओवादी समस्या को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इसमें मध्य प्रदेश अपनी भूमिका निभाएगा। इसके लिए विशेष दस्ता तैयार करने का निर्णय लिया है। साथ ही माओवादी समस्या से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों को समयपूर्व पदोन्नति भी दी जाएगी। इसके लिए बालाघाट में जल्द ही कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

नए कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर रहें

बैठक में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अपराध नियंत्रण से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया और नए कानून के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि देवास जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट, विधि विज्ञान रिपोर्ट और ई-अभियोजन के कार्य में लगभग 20 हजार मानव घंटे की बचत हुई है।

इस मॉडल पर अन्य जिलों में भी काम करने के लिए कहा गया। न्याय श्रुति साफ्टवेयर के माध्यम से थानों से वीडियो काफ्रेंसिंग व्यवस्था बनाई जाए। पुलिस के प्रशासनिक अमला और थानों का स्टाफ संवेदनशील होकर नागरिकों के हित में और सुदृढ़ कानून व्यवस्था के लिए सभी कार्रवाई करे। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।