इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपनी सरकार के भारत से शिमला समझौते रद्द करने के फैसले पर असहमति जताई है। पीपीपी चेयरमैन बिलावल ने भारत के साथ बातचीत से मसले सुलझाने पर जोर दिया है। बिलावल का ये बयान उनके कुछ दिन पहले के रुख से अलग है। हाल ही में बिलावल ने भारत को युद्ध की धमकी देते हुए कहा था कि अगर दिल्ली की ओर से सिंधु जल समझौते को तोड़ा गया तो हम नदी में भारतीयों का खून बहा देंगे। अब उन्होंने भारत के साथ वार्ता के जरिए चीजों को ठीक करने की बात कही है।
बातचीत का रास्ता ही सही है: बिलावल
बिलावल भुट्टो ने कहा कि भारत को पाकिस्तान पर इल्जाम लगाने की नीति से बचना चाहिए। भारत अगर सही मायने में आतंकवाद को खत्म करना चाहता है तो बातचीत ही इसका रास्ता है। भारत को बातचीत के जरिए आतंक के मुद्दे का हल निकालने की तरफ बढ़ना चाहिए। भुट्टो ने कहा कि भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों में ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ समस्याएं पैदा कर रहे हैं। इससे निपटने को एक संयुक्त तंत्र की जरूरत है।
पाकिस्तान भी आतंक से पीड़ित: भुट्टो
बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर दोहराया कि भारत से ज्यादा आतंकवाद उनका देश पाकिस्तान झेल रहा है। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान और पूरे क्षेत्र से आतंकवाद को खत्म करना चाहता हैं। आतंक से निपटने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच समन्वय की जरूरत है। पाकिस्तान हमेशा बातचीत के लिए तैयार रहा है लेकिन भारत वार्ता से भागता है।
जरदारी ने ये भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान और भारत को बातचीत के जरिए चीजें सुलझाने के लिए कहा है। ट्रंप का यह बयान पाकिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे इस रुख का समर्थन है। पाकिस्तान ने हमेशा ही कहा है कि क्षेत्रीय विवादों का एकमात्र व्यवहार्य समाधान बातचीत हो सकता है।