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राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद हत्या की। हिंदू कभी ऐसा नहीं करेगा।

मोहन भागवत ने आगे कहा कि, यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच की है। हमारा देश कितना शक्तिशाली है यह दिखाने का समय आ गया है। भागवत ने ये बातें मुंबई में एक कार्यक्रम में कहीं।

भागवत ने कहा, हमारे दिल में दर्द है। हम गुस्से में हैं। लेकिन बुराई को नष्ट करने के लिए ताकत दिखानी होगी। भागवत ने उदाहरण के तौर पर अपने भाषण में बताया कि रावण भगवान शिव के भक्त थे लेकिन वे बुराईयों से दूर नहीं रह सके। भगवान राम ने रावण को सुधरने का मौका भी दिया लेकिन बाद में सबक सिखाना ही पड़ा।

भागवत बोले- बुरी नीयत वालों की आंख फोड़ देनी चाहिए

आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि ऐसी त्रासदियों को रोकने और दुर्भावनापूर्ण इरादे को रोकने के लिए समाज के भीतर एकता आवश्यक है। उन्होंने कहा, "अगर हम एकजुट हैं, तो कोई भी हमें बुरी नीयत से देखने की हिम्मत नहीं करेगा। और अगर कोई ऐसा करता है, तो उसकी आंख फोड़ दी जाएगी।

घृणा और शत्रुता हमारे स्वभाव में नहीं है। लेकिन चुपचाप नुकसान सहना भी नहीं है। एक सच्चे अहिंसक व्यक्ति को मजबूत भी होना चाहिए। अगर ताकत नहीं है, तो कोई विकल्प नहीं है। लेकिन जब ताकत होती है, तो जरूरत पड़ने पर यह दिखाई देनी चाहिए।

सरकार ने सुरक्षा में चूक मानी, राहुल बोले- केंद्र के हर एक्शन को समर्थन 

उधर केंद्र सरकार ने गुरुवार को माना कि पहलगाम हमले में सुरक्षा में चूक हुई है। सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि आईबी और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने मीटिंग में विपक्षी नेताओं को सुरक्षा में हुई चूक के बारे में जानकारी दी।

इस दौरान विपक्ष ने कहा कि वे सरकार के साथ हैं। विपक्षी सांसदों ने आतंकी कैंपों को नष्ट करने की मांग की। कहा की सरकार आतंक के खिलाफ कड़े कदम उठाए।सर्वदलीय बैठक के बाद राहुल गांधी ने बताया कि हर एक्शन पर सरकार को पूरा सपोर्ट है।