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रायगढ़। रायगढ़ जिले के औद्योगिक जगत में चर्चित बांके बिहारी समूह के भीतर चल रहा पारिवारिक और कारोबारी विवाद अब हिंसा में बदल गया है। समूह के निदेशक हरविलास अग्रवाल और उनके पुत्र आयुष अग्रवाल पर रायपुर में हमला किया गया, जिसमें दोनों को चोटें आई हैं। आयुष अग्रवाल की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में जारी है।

घटना की पृष्ठभूमि
हरविलास अग्रवाल ने बताया कि कंपनी के शेयर और प्रबंधन नियंत्रण को लेकर लंबे समय से तनाव चल रहा था। उनके अनुसार, समूह के एक अन्य पक्ष अजय अग्रवाल द्वारा पहले से ही उनके खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार कर शेयर हड़पने के प्रयास की शिकायत पूंजीपथरा थाने में दर्ज की गई थी। इसी विवाद के बीच 17 अगस्त को रायपुर के तेलीबांधा स्थित सृष्टि गार्डन में कंपनी की एक अहम बैठक रखी गई थी।

मीटिंग में मारपीट, आयुष गंभीर रूप से घायल
हरविलास के अनुसार, मीटिंग में उन पर और उनके पुत्र पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए दबाव बनाया गया। उन्होंने पहले ही ईमेल के माध्यम से विरोध दर्ज कराया था और कहा था कि मीटिंग में वीडियो रिकॉर्डिंग और कंपनी सेक्रेटरी की उपस्थिति आवश्यक है, ताकि सभी प्रक्रियाएं वैध रूप से पूरी हों।

लेकिन, मीटिंग में उनकी बात नहीं सुनी गई और विवाद बढ़ गया। आरोप है कि मीटिंग के दौरान गाली-गलौज और हाथापाई हुई। इस दौरान आयुष अग्रवाल को कमरे से बाहर निकालकर दरवाजा बंद कर दिया गया और उनके पैरों में गंभीर चोटें आईं। हरविलास के मुताबिक, “पवन अग्रवाल ने मेरे बेटे के पैरों को काटने की कोशिश की और सिर पर भी वार किया। अगर हम समय पर नहीं निकलते, तो जान से मार सकते थे।”

रायपुर में दर्ज हुई FIR
घटना के बाद हरविलास अग्रवाल ने रायपुर के तेलीबांधा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में धारा 294, 115(2), 351(2), 118 और 3(5) बीएनएनएस के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं, साथ ही मीटिंग स्थल के सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेजों की जांच जारी है।

हरविलास अग्रवाल का बयान
हरविलास ने कहा: “हम केवल कंपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए विरोध कर रहे थे। मेरे पुत्र को जान से मारने की कोशिश की गई। यह सब पहले से योजना बनाकर किया गया था। हमें झूठे केस में फंसाने की साजिश रची जा रही है।”

उन्होंने आगे कहा कि परिवार में पहले एकता बनी हुई थी, लेकिन कुछ राजनीतिक और बाहरी तत्वों के हस्तक्षेप के बाद मतभेद गहराने लगे।=

“जिसके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों के घरों में पत्थर नहीं मारते। सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ चल रही अफवाहों से मेरा कोई संबंध नहीं है, मैंने किसी को कोई चंदा भी नहीं दिया,” — हरविलास अग्रवाल।

पुलिस जांच जारी

पुलिस का कहना है कि मामले की जांच निष्पक्ष और साक्ष्य-आधारित होगी। घटना के बाद से रायगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र में इस विवाद की चर्चा तेज हो गई है। हरविलास अग्रवाल ने पुलिस से सुरक्षा की मांग भी की है।

कौन हैं हरविलास अग्रवाल
हरविलास अग्रवाल रायगढ़ के वरिष्ठ उद्योगपति हैं, जो लंबे समय से बांके बिहारी पावर एंड स्टील लिमिटेड और बांके बिहारी इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड का संचालन कर रहे हैं। वे अपने पारदर्शी व्यवसाय, कर्मचारियों के हितों की रक्षा और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं।

फिलहाल, मामला पुलिस जांच के अधीन है।
रायगढ़ और रायपुर दोनों ही स्थानों पर इस घटना को लेकर औद्योगिक समुदाय में तनाव और चिंता का माहौल है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।