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लोक निर्माण विभाग ने बैरागढ़-भोजपुर रोड को चौड़ीकरण करने के लिए वहां लगे 448 पेड़ों को बिना अनुमति काटने पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए बताया कि कलेक्टर ने जून 2025 को पेड़ों को स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी। जिन पेड़ों को काटा गया था, वहां पर 10 गुना अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। मामले पर हाईकोर्ट ने सरकार के इस जवाब पर नाराजगी जाहिर की है।

चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कहा की फोटो देखकर साफ पता चलता है, किसी भी पेड़ को प्रत्यारोपित नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें पूरी तरह से काट दिया गया, कुछ पेड़ों के तने जमीन में गाढ़ दिए गए, जिनमें से कुछ में अंकुर निकलने लगे हैं। कोर्ट ने प्रत्यारोपित किए गए 253 पेड़ों में से प्रत्येक की तस्वीर, जीपीएस लोकेशन के साथ पेश करने के निर्देश दिए हैं। मामले पर अगली सुनवाई अब 20 नवंबर को होगी।

हाई कोर्ट ने प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट को कहा है, कि किसी फॉरेस्ट ऑफिसर की नियुक्ति कर बताए कि ट्रांसलोकेट करते हुए पेड़ अभी वह किस स्थिति में है।

सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ऋत्विक पाराशर ने हाईकोर्ट को बताया कि पेड़ों की संख्या 488 नहीं बल्कि 448 है। उन्होंने कहा कि 253 पेड़ों को विधिवत काटकर ट्रांसलोकेट किया गया है। इस मामले पर पैरवी के लिए बेंच ने अधिवक्ता अमल पुष्प श्रोती को अदालत मित्र नियुक्त किया था।