पान मसाला, तंबाकू और इस तरह के अन्य उत्पादों के निर्यात पर ऑटोमेटिक रूट के जरिए मिलने वाला आईजीएसटी रिफंड पर एक अक्टूबर से रोक लग जाएगी। ये कदम वित्त मंत्रालय की ओर से उठाया गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि निर्यातकों को इन सभी उत्पादों पर टैक्स छूट क्लेम करने के लिए टैक्स ऑफिसर्स के पास जाना होगा, जिसके बाद उनको टैक्स रिफंड मिल जाएगा। नोटिस के मुताबिक, ये बदलाव एक अक्टूबर से लागू हो जाएगा।

सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?

सरकार की ओर से ये कदम इस सेक्टर में टैक्स चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है। कई बार देखा जाता है कि कुछ निर्यातक अधिक आईजीएसटी रिफंड पाने के लिए अपने निर्यात की अधिक वैल्यू दिखाते हैं। ऱिफंड की मैनुअल चेकिंग से फायदा मिलेगा और अधिकारी आसानी से पता कर सकेंगे कि माल की वैल्यू निर्यातक की ओर से सही दिखाई गई है या नहीं।

किन-किन उत्पादों पर लागू होगा नया नियम?

पान मसाला, अनिर्मित तंबाकू, हुक्का, गुटखा, पाइप और सिगरेट के लिए धूम्रपान मिश्रण और मेंथा तेल आदि पर ऑटोमेटिक आईजीएसटी रिफंड लेने से रोक लगाई गई है। इन सभी उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी और सेस लगता है। इसके साथ ही ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आईजीएसटी रिफंड रोकने से सरकार की आय कुछ समय के लिए बढ़ सकती है, क्योंकि रिफंड किया जाने वाला अमाउंट काफी समय तक सरकार के पास रहेगा।

कई देशों में निर्यात होता है भारतीय पान मसाला

भारत दुनिया का सबसे बड़ा पान मसाला निर्यातक देश है। भारत का पान मसाला मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व और कुछ अफ्रीकी देशों में जाता है।