संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही है। अब इसे लेकर रणनीति बननी भी शुरू हो गई है। बता दें कि 21 सितंबर को भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की जरूरत है ताकि यह समकालीन भू-राजनीतिक व्यवस्थाओं का बेहतर ढंग से पेश कर सके। 

संयुक्त राष्ट्र की आम सभा से इतर हुई इस बैठक में ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक, जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा और भारत के विदेश मामलों के उप-मंत्री संजय वर्मा शामिल हुए। बैठक में कहा गया कि जटिल संकटों के कारण बहुपक्षवाद पर काफी दबाव है। बैठक में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र वैश्विक समस्याओं का प्रभावी और समय से निवारण में अक्षम साबित हो रहा है, ऐसे में इसमें सुधार की जरूरत है। बैठक के बाद जारी किए गए संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार की जरूरत है। जिससे इसे ज्यादा प्रभावी, वैध और कुशल बनाने में मदद मिलेगी। बैठक में शामिल देशों ने संयुक्त राष्ट्र से इस अहम मुद्दे पर आगे बढ़ने की अपील की। 

समिट ऑफ द फ्युचर शिखर सम्मेलन में भारत ने अपने बयान में कहा कि भारत की अध्यक्षता में वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को जी20 एजेंडे में रखा गया। दिल्ली में आयोजित हुए शिखर सम्मेलन में पांच प्रमुख अध्यायों को शामिल किया गया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन शामिल हैं। भारत के बयान में ये भी कहा गया कि कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध  के चलते बहुपक्षीय प्रणाली प्रभावित हुई है। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोहरे मानदंड अपनाने की आलोचना की गई है।