तेल अवीव: कतर पर एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल का अगला निशाना तुर्की हो सकता है। तुर्की की फ्रिक बढ़ने की वजह इजरायल का हालिया कदम है। इजरायल ने तुर्की के खिलाफ नया मोर्चा खोलते हुए साइप्रस में अपने मॉडर्न एयर डिफेंस सिस्टम बराक एमएक्स को सीक्रेट तरीके से पहुंचा दिया है। साइप्रस और तुर्की में दशकों पुरानी दुश्मनी है। ऐसे में साइप्रस की जमीन के तुर्की के खिलाफ इस्तेमाल होने की संभावना बढ़ रही है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से हालिया दिनों में तीखी बयानबाजी देखी गई है।
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने साइप्रस में बराक एमएक्स प्रणाली तैनात करने का फैसला लिया है। यह एक हवाई इंटरसेप्टर है, जो 150 किमी दूर तक के खतरों को रोकने में सक्षम है। लिमासोल बंदरगाह के रास्ते से इजरायल का ये सिस्टम साइप्रस पहुंचा है। साइप्रस की मीडिया ने बताया है कि बराक एमएक्स प्रणाली अगले साल तक पूरी तरह चालू हो जाएगी।
कहां की जाएगी तैनाती
ग्रीक सिटी टाइम्स ने बताया है कि इजरायल से आए बराक सिस्टम को पाफोस स्थित एंड्रियास पापांड्रेउ एयर बेस के पास तैनात किया जाएगा। इजरायल या साइप्रस की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में जरूर लिमासोल बंदरगाह पर बराक एमएक्स प्रणाली की डिलीवरी दिखाई गई है।
बराक से तुर्की की टेंशन
इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) की ओर से 2018 में पेश की गई बराक एमएक्स एक मॉड्यूलर वायु रक्षा प्रणाली है। यह लड़ाकू जेट, हेलीकॉप्टर, यूएवी, क्रूज मिसाइल और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों सहित एक साथ कई खतरों का सामना करने में सक्षम है। इस प्रणाली में 15 किमी से 150 किमी तक की मिसाइल होती हैं। ऐसे यह एक ही प्रणाली के माध्यम से बहुस्तरीय वायु रक्षा नेटवर्क मिलता है।
साइप्रस का घटनाक्रम तुर्की की फिक्र बढ़ा रहा है। तुर्की ने 1974 में उत्तरी साइप्रस पर कब्जा किया था। इसके बाद से यहां पर विदेशी हथियारों की तैनाती को लेकर तुर्की सतर्क रहा है। साल 1997 में रूस के साइप्रस को एस-300 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के मुद्दे पर तुर्की ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। तुर्की ने बराक MX प्रणाली को S-300 से ज्यादा खतरनाक कहा है। ऐसे में इस तैनाती से एक नए तनाव की आशंका पैदा हो रही है।