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अमेरिकी सीनेट में बुधवार को हूती विद्रोहियों पर हमले से जुड़ी जानकारी की चैट लीक होने को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने कहा कि ग्रुप चैट में कोई भी गोपनीय जानकारी शेयर नहीं की गई थी।

ट्रम्प के मंत्रियों ने कहा कि सैन्य हमले की चर्चा के लिए मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करना कोई गलत बात नहीं थी। इससे पहले ट्रम्प ने मंगलवार को कहा था कि उनके प्रशासन से 2 महीने में यह पहली गलती थी।

रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने प्लान को सिग्नल ऐप पर एक सीक्रेट ग्रुप चैट में शेयर किया था। इस ग्रुप में द अटलांटिक मैगजीन के मुख्य संपादक जैफ्री गोल्डबर्ग भी जुड़े हुए थे। इसे लेकर डेमोक्रेटिक सांसदों ने डेमोक्रेटिक सांसदों ने हेगसेथ की इस्तीफे की मांग की है।

अटलांटिक के पत्रकार को 2 घंटे पहले प्लान पता चला

रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने 15 मार्च को यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले के प्लान को 2 घंटे पहले ग्रुप में शेयर किया था। व्हाइट हाउस ने 24 मार्च को इसकी जानकारी दी।

जेफ्री गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें गलती से इस ग्रुप चैट में जोड़ दिया गया था। यह ग्रुप सिक्योर मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर बनाया गया था। जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज ने बनाया था। इस ग्रुप में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शामिल थे।

गोल्डबर्ग ने लिखा कि 15 मार्च को सुबह 11:44 बजे हेगसेथ ने यमन पर होने वाले हमलों की जानकारी शेयर की थी। इसमें टारगेट्स और इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के अलावा कौन-सा हमला कब और कहां किया जाना है, इसकी जानकारी भी थी।

हूती पीसी स्मॉल ग्रुप चैट से हुआ खुलासा

इस सिग्नल चैट का नाम हूती पीसी स्मॉल ग्रुप था। इसमें हमले के समय और उसकी रणनीति से जुड़ी जानकारियां थीं। 15 मार्च को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर हेगसेथ ने एक मैसेज भेजकर मिशन का रियल-टाइम अपडेट दिया। उन्होंने लिखा कि मौसम अनुकूल है और सेंट्रल कमांड ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है।

इसके बाद उन्होंने F-18 लड़ाकू विमानों और MQ-9 ड्रोन के लॉन्चिंग टाइम और हमलों की टाइमलाइन शेयर की। मैसेज के मुताबिक पहला बम दोपहर 2:15 बजे गिराया जाना था।