अंकारा: कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हमलों का असर पूरे क्षेत्र में देखा जा रहा है। इन हमलों के तुरंत बाद मंगलवार को तुर्की सेना के लड़ाकू विमानों ने दियारबाकिर और मालट्या स्थित हवाई अड्डों से उड़ान भरी। दियारबाकिर में प्रत्यक्षदर्शियों ने मिडिल ईस्ट आई को बताया कि तुर्की के एक मुख्य हवाई अड्डे के पास हवा में जेट विमान देखे गए हैं। तुर्की की सेना इस हमले के बाद अलर्ट पर दिखी है। इससे तुर्की प्रेसिडेंट रेसेप एर्दोगन की चिंता जाहिर होती है।
मामले से परिचित सूत्रों ने एमईई को बताया कि तुर्की वायु सेना ने रातभर अतिरिक्त जेट विमान भेजे और तुर्की हवाई क्षेत्र में अपनी हवाई गश्त बढ़ा दी। हालांकि किसी अलर्ट की घोषणा नहीं की गई लेकिन सीरियाई और इराकी हवाई क्षेत्र के पास के इलाकों में नियमित गश्त बढ़ा दी गई। एक्सपर्ट का कहना है कि इजरायली वायु सेना की सीरियाई और इराकी हवाई क्षेत्र को गतिविधि को देखते हुए तुर्की एयरफोर्स में हलचल दिखी। पड़ोसी वायुक्षेत्रों की निगरानी के लिए एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) लागू किया गया।
जून में भी तुर्की सेना थी अलर्ट
तुर्की ने जून में ईरान-इजयराल संघर्ष के दौरान भी इसी तरह के कदम उठाए थे। तुर्की रडार ने इस क्षेत्र में इजरायली सैन्य गतिविधि का पता लगाया था। इससे उसकी सेना अलर्ट पर आ गई थी। तुर्की वायु सेना के खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख गुरसेल टोकमाकोग्लू ने एमईई को बताया कि इस तरह के क्षेत्रीय घटनाक्रमों के जवाब में हवाई गश्त तेज करना तुर्की सेना का मानक एहतियाती कदम है।
तुर्की में हमास ऑफिस
टोकमाकोग्लू ने कहा, ‘वायु सेना ने पड़ोसी हवाई क्षेत्रों की स्पष्ट जानकारी प्राप्त करने के लिए एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमानों को तैनात किया। हालांकि सेना ने देशव्यापी अलर्ट जारी नहीं किया।’ टोकमाकोग्लू ने जोर देकर कहा कि तुर्की अपनी सुरक्षा को लेकर सिर्फ अटकलों के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
टोकमाकोग्लू का कहना है कि सोशल मीडिया पर बिना किसी ठोस आधार के चीजें फैलती हैं। तुर्की सेना किसी भी तरह की चर्चा के जवाब में प्रतिक्रियावादी कदम नहीं उठाएगी। उसकी योजना, डिफेंस कॉन्सेप्ट और क्षमताएं स्वतंत्र रूप से स्थापित हैं। सेना के फैसले सोशल मीडिया पर चलने वाले बयानों से प्रभावित नहीं होते हैं।
तुर्की की ओर से पूर्व में यह साफ किया गया है कि वह हमास के राजनीतिक नेतृत्व की मेजबानी करता है। उनकी ओर से इस समूह को सैन्य सहायता प्रदान नहीं की जाती है। तुर्की में हलचल की वजह ये भी है कि उसका हालिया महीनों में इजरायल से तनाव बढ़ा हुआय है। तुर्की ने खासतौर से गाजा में इजरायली हमले के खिलाफ अपना कड़ा विरोध जताया है।