वॉशिंगटन: अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस अमेरिका के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम रहा है। तालिबान के खिलाफ लड़ाई और काबुल पर अपने नियंत्रण के लिए अमेरिका ने बगराम एयरबेस को अपना सैन्य अड्डा बनाया। साल 2021 में तालिबान की अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी हुई और अमेरिका ने काबुल छोड़ दिया। बगराम से भी अमेरिकी सैनिक चले गए लेकिन अब एक बार फिर अमेरिका की इस पर नजर है। इस बेस पर नियंत्रण के लिए ट्रंप प्रशासन काम कर रहा है।
सीएनएन ने मामले से परिचित लोगों के हवाले से की गई रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीते कुछ समय से अपने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों से अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर बातचीत कर रहे हैं। वह अपने अफसरों पर इस बेस को तालिबान से वापस लेने का रास्ता ढूंढने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
ट्रंप का बगराम पर बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार सार्वजनिक रूप से माना है कि उनका प्रशासन काबुल के पास स्थित इस बेस पर फिर से नियंत्रण पाने के लिए काम कर रहा है। ट्रंप ने गुरुवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने बगराम को फ्री में तालिबान को दे दिया था। अब हम इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिका की काबुल में एंट्री
अमेरिका को अफगानिस्तान में अपने उद्देश्यों के लिए सैन्य उपस्थिति की आवश्यकता है। इसमें उसके लिए बगराम सबसे सुरक्षित और जरूरी ठिकाना होगा। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि तालिबान इस प्रमुख हवाई अड्डे का नियंत्रण छोड़ने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है या नहीं। ट्रंप के बगराम को वापस लेने के बयान पर तालिबान ने प्रतिक्रिया नहीं दी है।