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नई दिल्ली: एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) स्कीम के दायरे में आने वाले लोग पहली बार जॉब पाने वाले लोग हैं या नहीं, इसे एंप्लॉयमेंट प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) के सिस्टम के जरिए चेक किया जाएगा। इस स्कीम के तहत पहली बार जॉब पाने वालों और कंपनियों, दोनों को बेनेफिट देने की चाक-चौबंद व्यवस्था बना ली गई है। श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना से मिले अनुभवों के आधार पर SELI स्कीम का सिस्टम तैयार किया गया है। कोविड के दौरान उस योजना के तहत ईपीएफओ के पास रजिस्टर्ड यूनिट्स के मामले में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन चुका रही थी 1 अक्टूबर 2020 से दो साल तक यह योजना चली थी।

ELI स्कीम

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने करीब 1 लाख करोड़ रुपये की ELI स्कीम को मंगलवार को मंजूरी दी थी। सूत्रों ने बताया कि ELI स्कीम पीएम इंटर्नशिप स्कीम से अलग रहेगी, जिसके तहत टॉप 500 कंपनियों में युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर मिलते हैं। उन्होंने बताया कि EPFO इसके तहत जॉब पाने वाले लोगों की पहली जॉब होने की जांच उनके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर के आधार पर करेगा क्योंकि कोई भी पुराना वर्कर अगर किसी ईपीएफओ रजिस्टर्ड यूनिट में जॉब पाता है तो पहले वाला यूएएन ही ट्रांसफर होता है।