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मैनचेस्टर: भारतीय टीम ने करिश्माई प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को मैनचेस्टर टेस्ट में ड्रॉ के लिए मजबूर किया। इंग्लैंड के पास अपने घरेलू मैदान पर जीत का गोल्डन चांस था। पहली पारी के आधार पर उसके पास 300 से ज्यादा की लीड थी। पहले ही ओवर में क्रिस वोक्स ने यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन को आउट किया तो इंग्लिश टीम को जीत की सुगंध मिलने लगी थी, लेकिन टीम में सबसे सीनियर बल्लेबाज केएल राहुल, कप्तान शुभमन गिल, रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की जबरदस्त बैटिंग से भारतीय टीम ने इंग्लैंड को ड्रॉ के लिए मजबूर किया। दूसरी पारी में रणनीति को लेकर नासिर हुसैन ने बेन स्टोक्स को खूब लताड़ लगाया है।

नासिर हुसैन ने बेन स्टोक्स की कप्तानी को नासमझदारी बताया
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने चौथे टेस्ट को जल्दी समाप्त करने के बेन स्टोक्स के प्रस्ताव को रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के द्वारा अस्वीकार करने के बाद हैरी ब्रुक को गेंदबाजी आक्रमण में लाने के फैसले को ‘नासमझदारी ’ करार दिया। हुसैन ने कहा कि जडेजा और सुंदर अपने शतकों के पूरे हकदार थे।

हुसैन ने कहा, ‘मुझे इससे (जडेजा और सुंदर के बल्लेबाजी जारी रखने) कोई समस्या नहीं थी। इंग्लैंड को इससे समस्या लग रही थी। वे थोड़े थके हुए थे, गेंदबाज थक गए थे इसलिए वे मैदान छोड़ना चाहते थे, लेकिन दोनों खिलाड़ियों ने 80 और 90 रन तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की और वे टेस्ट मैच में शतक बनाना चाहते थे।’
टेस्ट ड्रॉ रहा, क्योंकि भारतीय टीम ने कमाल किया
उन्होंने कहा, ‘स्टोक्स को अंत में ब्रूक को गेंदबाजी करके नासमझ दिखाने की जरूरत नहीं थी। हम इन बातों को बहुत ज्यादा महत्व देते हैं। उन्होंने अच्छा खेला और इसका पूरा श्रेय भारत को जाता है।’ जब चेतेश्वर पुजारा ने वाशिंगटन सुंदर से यही सवाल पूछा, तो उन्होंने बात टाल दी। सुंदर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सभी ने टीवी पर देखा कि क्या हुआ और उन सभी ने इसका आनंद लिया होगा।’

भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर का मानना था कि भारतीय बल्लेबाज अपने मुताबिक खेल जारी रखने का पूरा अधिकार था। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि बेन स्टोक्स अंत में एक बिगड़ैल बच्चे की तरह पेश आए।’ उन्होंने कहा, ‘मैं देखना चाहूंगा कि अगर उनके दो बल्लेबाज टेस्ट शतक के करीब होते तो इंग्लैंड क्या करता?’