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नई दिल्ली: चांदी को सोने का सस्ता भाई भी कहा जाता है। कारण है कि जो लोग सोना नहीं खरीद सकते, वे चांदी से काम चला लेते हैं। हालांकि बात जब भी रिटर्न की आती है तो हमेशा से सोने को ही तवज्जो दी गई है। लेकिन पिछले कुछ साल से इसमें काफी बदलाव आया है। अब रिटर्न के मामले में चांदी भी सोने को टक्कर देने लगी है। चांदी की कीमत एक लाख रुपये प्रति किलो से काफी आगे निकल गई है। इस साल के शुरुआती 6 महीनों (एक जनवरी से लेकर 20 जून तक) चांदी का रिटर्न करीब 15 फीसदी रहा है।

गोल्ड-सिल्वर रेश्यो 107 के उच्च स्तर से घटकर 91.5 रहा। ये गिरावट संकेत है कि चांदी अभी भी सोने के मुकाबले सस्ती है। इसलिए निवेशक चांदी में रुचि दिखा रहे हैं। चांदी के ईटीएफ निवेश में भी तेजी देखी जा रही है। वहीं दूसरी ओर चांदी के कारोबारियों के मुताबिक युवा पीढ़ी में भी चांदी की ज्वेलरी की डिमांड बढ़ी है। खासतौर से जेनरेशन जेड में।

खत्म हो गया कीमत का अंतर!

हमारे देश में सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत प्रति एक किलो के हिसाब से तय की जाती है। एक समय दोनों की कीमत में काफी अंतर था। मात्र एक साल में यह अंतर काफी कम हो गया है। एक साल पहले दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 72550 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 92300 रुपये प्रति किलो थी। दोनों की कीमत में 19750 रुपये का अंतर था।