मुंबई: भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में आज सुबह से ही खूब गिरावट दिख रही है। इसके बावजूद रेलवे के पैसेंजर कोच (Railway Passenger Coach) बनाने वाली कंपनी टीटागढ़ रेल सिस्टम्स (TRS) का शेयर आज चढ़ कर कारोबार कर रहा है। दरअसल, कंपनी का पैसेंजर रेल बिजनेस आने वाले सालों में तेजी से बढ़ने वाला है। कंपनी न सिर्फ मेट्रो रेल (Metro Rail) के ट्रेन सेट बना रही है बल्कि स्लीपर वंदे भारत के ट्रेन सेट भी बनाने को तैयार है। यही नहीं, कंपनी भारत में राजधानी एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस के पहिये भी बनाने की तैयारी कर रही है।
पहले मालगाड़ी के डिब्बे बनाने के लिए विख्यात थी कंपनी
टीटागढ़ रेल सिस्टम्स पहले देश में मालगाड़ी के डिब्बे बनाने के लिए विख्यात थी। कुछ ही साल में यह वैगन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी के रूप में सामने आ गई। TRS के डिप्टी एमडी पृथ्वीश चौधरी खुद इस बात को स्वीकारते हैं कि कि TRS को पहले वैगन बनाने वाली कंपनी के तौर पर जाना जाता था। लेकिन, अब कंपनी का पैसेंजर कोच बनाने का काम वैगन के काम से भी आगे निकल जाएगी।
मेट्रो रेल के ट्रेन सेट बनाना शुरू
चौधरी ने बताया कि इस समय टीटागढ़ रेल सिस्टम्स के कोलकाता स्थित उत्तरपाड़ा प्लांट में मेट्रो रेल के ट्रेन सेट का निर्माण शुरू हो गया है। इस समय कंपनी बेंगलुरु, अहमदाबाद, सूरत और पुणे मेट्रो के लिए कोच बना रही है। जल्दी ही यहां स्लीपर वंदे भारत के ट्रेन सेट बनाने का भी काम शुरू होगा। उल्लेखनीय है कि टीटागढ़ रेल सिस्टम्स और भारत हैवी इंजीनियरिंग लिमिटेड के कंसोर्टियम को 80 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बनाने का आर्डर मिला है।
क्यों आए कोच प्रोडक्शन में
वैगन प्रोडक्शन का काम जमा-जमाया था, लेकिन कोच प्रोडक्शन में क्यों आए, इस सवाल पर चौधरी ने बताया, "हमने पैसेंजर कोच कारोबार में इसलिए कदम रखा क्योंकि सरकार इस सेक्टर को बढ़ावा देना चाहती है। अब हम मेट्रो कोच भी बना रहे हैं।" उन्होंने बताया कि पिछले साल कंपनी के कुल कारोबार में पैसेंजर रेल का हिस्सा 5-6% था। लेकिन, आने वाले कुछ सालों में यह बहुत तेजी से बढ़ेगा। चौधरी का कहना है कि अगले 4-5 सालों में यात्री रेल कारोबार 50% या 60% तक भी पहुंच सकता है।
आर्डर बुक में पैसेंजर कोच की हिस्सेदारी ज्यादा
उन्होंने बताया कि अभी कंपनी के पास जितने ऑर्डर हैं, उनमें से 62% पैसेंजर रेल के हैं और 38% हिस्सा वैगन के हैं। इस समय कंपनी के पास कुल 24,500 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अहमदाबाद मेट्रो ने 34 ट्रेनें बनाने का ऑर्डर दिया था, जिनमें से 33 ट्रेन सेट की डिलीवरी कंपनी पहले की कर चुकी है।
2007 में रखा था पैसेंजर कोच मैन्यूफैक्चरिंग में कदम
TRS ने साल 2007 में पैसेंजर कोच के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में कदम रखा था। कंपनी की इटली में सावोना और कैसेर्टा Savona and Caserta में भी फैक्ट्रियां हैं। भारत में इसकी फैक्ट्रियां कोलकाता, राजस्थान के भरतपुर, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु में हैं।
फोर्ज व्हील भी बनाएगी कंपनी
टीआरएस ने रामकृष्ण फोर्जिंग्स के साथ मिल कर एक जॉइंट वेंचर कंपनी भी बनाई है। इस कंपनी का नाम रामकृष्ण टीटागढ़ रेल व्हील्स लिमिटेड है। यह ज्वाइंट वेंचर चेन्नई के पास एक नया प्लांट लगा रहा है। उस प्लांट में राजधानी एक्सप्रेस से लेकर वंदे भारत एक्सप्रेस तक के पहिए बनाये जाएंगे। अभी इस तरह के पहिए विदेश से मंगाए जाते हैं। चौधरी का कहना है कि यह प्लांट मार्च 2026 तक पूरी तरह से शुरू हो जाएगा। इस प्लांट में हर साल 2.28 लाख पहिए बनाने की क्षमता होगी।
भारतीय रेल से मिला है पहियों का आर्डर
उन्होंने बताया कि उन्हें भारत रेल की तरफ से फोर्ज व्हील का बड़ा आर्डर मिला है। वहां बने हर साल 80,000 पहिए अगले 20 सालों तक इंडियन रेलवे को दिए जाएंगे। ये पहिए सभी तरह की ट्रेनों के लिए होंगे। जैसे कि मेट्रो, वैगन और वंदे भारत ट्रेनें।
क्या है शेयर का भाव
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में सुबह से ही तेज गिरावट दिख रही है। लेकिन तब भी बीएसई में टीटागढ़ रेल सिस्टम्स के शेयर दो फीसदी से भी ज्यादा चढ़ कर कारोबार कर रहे हैं। बीते शुक्रवार को इसके शेयर 866.75 रुपये पर बंद हुए थे। आज सुबह यह 852.80 रुपये पर खुले और थोड़ी ही देर में 888.55 रुपये पर पहुंच गए। सुबह साढ़े ग्यारह बजे यह 884.20 रुपये पर कारोबार कर रहे थे जो कि 17.45 रुपये या 2.01 फीसदी की बढ़ोतरी है।