वॉशिंगटन: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वॉइट हाउस में मुलाकात की। वॉइट हाउस के ओवल ऑफिस में बंद दरवाजों के पीछे हुई इस मुलाकात में पाकिस्तान के ताकतवर सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर भी शामिल रहे। इस मुलाकात के दौरान भी शहबाज शरीफ भारत के जले पर नमक छिड़कने से बाज नहीं आए और राष्ट्रपति ट्रंप को मई में भारत-पाकिस्तान के बीच यु्द्धविराम का क्रेडिट देते हुए उन्हें धन्यवाद दे डाला। शहबाज ने अमेरिकी राष्ट्रपति को शांति पुरुष (Man Of Peace) कहा। इस दौरान उन्होंने ट्रंप को पाकिस्तान आने का न्योता भी दिया।
ट्रंप को युद्धविराम के लिए दिया धन्यवाद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, ओवल ऑफिस में ट्रंप के साथ बैठक के दौरान शहबाज शरीफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्भीक, साहसी और निर्णायक कदमों ने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्धविराम को सुगम बनाने में मदद की है, जिससे दक्षिण एशिया में एक बड़ी तबाही टल गई। इसके साथ ही शहबाज ने गाजा में संघर्ष को समाप्त करने और मध्य पूर्व में शांति बहाल करने के प्रयास में मुस्लिम जगत के नेताओं को आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की। असीम मुनीर के साथ प्रधानमंत्री शहबाज ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच टैरिफ समझौते के लिए भी ट्रंप को धन्यवाद दिया।
पाकिस्तान-अमेरिका के मजबूत होते रिश्ते
ट्रंप के शासनकाल के हाल के महीनों में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में गर्मजोशी आई है, जबकि वॉशिंगटन वर्षों से भारत को एशिया में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए महत्वूर्ण साझेदार मानता रहा है। हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के संबंधों में उतार आया है, जिसमें भारतीयों के लिए वीजा संबंधी बाधा और भारतीय सामानों पर अमेरिका में भारी टैरिफ लगाना प्रमुख रूप से सामने आया है। इसके साथ ही ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने मई में भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव को समाप्त करने में मध्यस्थता की थी।
ट्रंप के लिए नोबेल की मांग
भारत ने ट्रंप के इस दावे का बार-बार खंडन किया है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका से इनकार किया है। वहीं,पाकिस्तान ने इसके लिए राष्ट्रपति ट्रंप को क्रेडिट दिया है। असीम मुनीर ने इसी साल जून में वॉइट हाउस का ऐतिहासिक दौरा किया था, जहां ट्रंप ने उनकी लंच पर मेजबानी की थी। मुनीर ने इस दौरान ट्रंप को युद्धविराम का क्रेडिट देते हुए उनके लिए शांति का नोबेल दिए जाने की मांग कर दी थी। बाद में पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर ट्रंप के लिए नामांकन भेजा था।