कोलकाता: भारतीय क्रिकेट टीम की कोलकाता टेस्ट में हार के बाद से हेड कोच गौतम गंभीर निशाने पर हैं। खासतौर पर टीम चयन को लेकर उन्हें बेहद आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर इसे रोहित शर्मा और विराट कोहली का नाम लिए बिना टीम का ‘ट्रांजिशन फेज’ चलने का तर्क देने पर उनकी बेहद खिंचाई हो रही है। पहले महज चार महीने पहले टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने वाले पूर्व बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने इस तर्क को बेहूदा बताया था। अब एक और पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने इसे लेकर विस्फोटक बयान दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने इस तरह की कहानी से ही विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सीनियर क्रिकेटरों पर टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने का दबाव बनाया गया था, जबकि वे अभी और खेलना चाहते थे।
‘भारतीय क्रिकेट में नहीं है ट्रांजिशन जैसे नैरेटिव की जगह’
मनोज तिवारी ने बुधवार को कहा कि ट्रांजिशन जैसे किसी नैरेटिव के लिए भारतीय क्रिकेट में कोई जगह नहीं है। तिवारी ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा,’भारतीय क्रिकेट में ट्रांजिशन जैसी कोई बात ही नहीं है, क्योंकि घरेलू सर्किट में समय आने पर आगे बढ़ने के लिए बहुत सारा टैलेंट तैयार है। ट्रांजिशन जैसी बातों के जरिये विराट कोहली और रोहित शर्मा पर टेस्ट क्रिकेट से दूर जाने का दबाव डाला गया, जबकि वे इस फॉर्मेट में अभी और खेलना चाहते थे। तिवारी ने कहा,’टीम इंडिया को ट्रांजिशन की जरूरत नहीं है। मैं ट्रांजिशन फेज जैसे शब्द से ही सहमत नहीं हूं। ट्रांजिशन की जरूरत न्यूजीलैंड या जिम्बाब्वे जैसी टीमों को है। हमारी घरेलू क्रिकेट टैलेंटेड परफॉर्मर्स से भरी है, जो मौके का इंतजार कर रहे हैं। इस गैर जरूरी ट्रांजिशन के कारण ही हमारे रोहित और विराट जैसे स्टार प्लेयर्स अपने आसपास बने माहौल के कारण धीरे-धीरे पीछे हट गए, जबकि वे टेस्ट क्रिकेट को खेलना और इसकी शुचिता को बनाए रखना चाहते थे।’
‘कोच हो, आलोचना मत करो, तरीका बताओ’
मनोज तिवारी ने गौतम गंभीर के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें हेड कोच ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ हार का ठीकरा बल्लेबाजों के सिर फोड़ा है। वेटरन क्रिकेटर ने कहा कि गंभीर स्पिन के खिलाफ खुद स्किल्ड प्लेयर थे। ऐसे में उन्हें टीम के बल्लेबजों को गाइड करना चाहिए। बल्लेबाजों की नाकामी उन्हें ठीक से तैयार करने में गंभीर की कमी दिखाती है। तिवारी ने कहा,’आप हार के बाद प्लेयर्स पर उनकी तकनीक के लिए आरोप नहीं लगा सकते। एक कोच के तौर पर आपका काम आरोप लगाना नहीं, सिखाना है। यदि बल्लेबाज ठोस डिफेंस नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें मैच से पहले ट्रेनिंग क्यों नहीं दी गई? जब गंभीर खेल रहे थे, तब वे खुद स्पिन के खिलाफ अच्छे प्लेयर थे तो उन्हें ज्यादा सिखाना चाहिए। यह मानना होगा कि रिजल्ट भारत के पक्ष में नहीं है।’ बता दें कि कोलकाता में पहले टेस्ट मैच में हार के बाद भारत को दूसरा टेस्ट गुवाहाटी में खेलना है। टीम इंडिया का टारगेट इस मैच में जीत हासिल कर मौजूदा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन साउथ अफ्रीका को करीब 25 साल बाद भारत में अपनी दूसरी टेस्ट सीरीज जीत हासिल करने से रोकना है। यह टेस्ट मैच 22 नवंबर से गुवाहाटी के बरसापारा स्टेडियम में खेला जाएगा।
रोहित-कोहली ने अचानक लिया था रिटायरमेंट
रोहित शर्मा और विराट कोहली ने पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप 2024 में ट्रॉफी जीतने पर इस सबसे छोटे फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा की थी। हालांकि दोनों दिग्गजों ने वनडे और टेस्ट में खेलते रहने की बात कही थी। इसके बाद इस साल मई में इंग्लैंड दौरे के लिए सलेक्शन से ठीक पहले दोनों ने अचानक 5 दिन के अंतराल पर टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी। दोनों के इस ऐलान ने पूरी भारतीय क्रिकेट को स्तब्ध कर दिया था, जो महज कुछ सप्ताह बाद अपने सबसे अहम और सबसे कठिन दौरों में से एक पर इंग्लैंड जाने वाली थी। इसके बाद इंग्लैंड दौरे के लिए शुभमन गिल को नया कप्तान घोषित किया गया था।



