भोपाल में रानी कमलापति (RKMP) रेलवे स्टेशन से एम्स के बीच 20 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से मेट्रो का ट्रायल हो चुका है। अब इसे 90Km की स्पीड से ट्रैक पर दौड़ाया जाएगा। वहीं, लोड टेस्टिंग भी की जाएगी। इसी साल जुलाई-अगस्त तक मेट्रो का कॉमर्शियल रन शुरू करने सभी पैमानों पर खरा उतरने के बाद रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) सर्वे करेगी।
मेट्रो कॉरपोरेशन के अफसरों ने बताया कि आरकेएमपी से एम्स के बीच 10-20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से मेट्रो का ट्रायल किया गया है। अब इसकी स्पीड बढ़ा रहे हैं। शेड्यूल तय करके इसे दौड़ाया जा रहा है। अधिकतम स्पीड 90 किमी प्रतिघंटा तक पहुंचेगी। इससे पहले लोड टेस्टिंग समेत अन्य मल्टीपल टेस्ट किए जा रहे हैं। जिसमें ट्रैक की मजबूती, सिग्नलिंग, ब्रेकिंग सिस्टम भी देखे जाएंगे।
सबकुछ ‘ओके’ के बाद आरडीएसओ की टीम आएगी मेट्रो और ट्रैक से जुड़े सभी कामों को लेकर ‘ओके’ होने के बाद आरडीएसओ की टीम बुलाई जाएगी। यह इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम, क्वालिटी जांच करेगी। इसके बाद ही कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) टीम इंस्पेक्शन करेगी। टीम की ‘ओके’ रिपोर्ट मिलने के बाद लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे।
अभी तीन स्टेशनों के काम पर फोकस मेट्रो का ऑरेंज लाइन का प्रायोरिटी रूट सुभाषनगर से एम्स तक करीब 7 किमी है। सुभाषनगर से आरकेएमपी के बीच 3 अक्टूबर 2023 को पहली बार ट्रायल रन हुआ था। इसके बाद अब तक टेस्टिंग का दौर जारी है। टेस्टिंग में मेट्रो पास भी हो गई। आरकेएमपी से एम्स के बीच मंगलवार से ट्रायल शुरू हुआ।
अफसरों के अनुसार, मेट्रो की टेस्टिंग जारी रहेगी। इसी बीच तीन स्टेशन डीआरएम ऑफिस, अलकापुरी और एम्स के बचे काम पर फोकस है। इसका स्ट्रक्चर पूरा हो चुका है। यहां एंट्री और एक्जिट गेट को लेकर काम चल रहा है।
आरओबी से भी गुजर रही मेट्रो मेट्रो ट्रेन रानी कमलापति से चलकर ROB (रेलवे ओवर ब्रिज), डीआरएम ऑफिस एवं अलकापुरी स्टेशन होते हुए एम्स स्टेशन पहुंच रही है। बता दें कि आरओबी का काम कुछ महीने पहले ही पूरा हुआ है। इसके बाद ट्रैक बिछाया गया। रेलवे ट्रैक और डीआरएम तिराहे पर दो स्टील ब्रिज बिछाए गए हैं।