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बेमेतरा। ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा संचालित स्वामित्व योजना ग्रामीण संपत्ति के अधिकारों को सुनिश्चित कर रही है। इस योजना के अंतर्गत अब ग्रामीणों को उनके घर और भूमि का वैध स्वामित्व प्रमाण (अधिकार अभिलेख) प्राप्त हो रहा है।

राष्ट्रीय पंचायत दिवस, 24 अप्रैल 2020 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुभारंभ की गई यह योजना देश के ग्रामीण अंचलों में एकीकृत संपत्ति सत्यापन समाधान के रूप में कार्य कर रही है। योजना के तहत अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक से गाँवों की आबादी का सर्वेक्षण और मानचित्रण किया गया, जिससे संपत्ति की सीमाएँ सटीक रूप से निर्धारित हो सकें।

स्वामित्व योजना के माध्यम से ग्रामीण अपने घर और भूमि का प्रमाणपत्र प्राप्त कर अब अपनी संपत्ति को वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में उपयोग कर सकेंगे। इससे उन्हें बैंकों से ऋण एवं अन्य वित्तीय सुविधाएं प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। योजना से भू-संबंधी विवादों में कमी, संपत्ति का स्पष्ट निर्धारण, और ग्राम स्तर पर विकास की नई दिशा प्राप्त हुई है।

बेमेतरा जिले में इस योजना के तहत 25 गाँवों के 2418 लाभार्थियों को स्वामित्व कार्ड वितरण किया जा रहा है कार्यक्रम के दौरान माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी ने हितग्राहियों को स्वामित्व कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने ग्राम ढोकला निवासी पूरन टंडन, पिता – बिसराम टंडन को उनके घर का अधिकार अभिलेख सौंपते हुए योजना के उद्देश्यों और ग्रामीणों के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत के लोगों को आत्मनिर्भरता और सम्मान का अधिकार दे रही है। अब किसी ग्रामीण को अपनी भूमि और घर के स्वामित्व के लिए प्रमाण की चिंता नहीं करनी होगी।”उन्होंने आगे कहा कि इस योजना से गाँवों में पारदर्शिता, सुरक्षा और विश्वास का वातावरण बना है। यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को साकार कर रही है।

इस अवसर पर जिले के जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे।