ब्रसेल्स: पोलैंड पर रूसी हमले के बाद नॉर्थ अटलांटिक गठबंधन यानि नाटो ने ऑपरेशन ईस्टर्न सेंट्री शुरू करने की घोषणा की है। नाटो महासचिव मार्क रूटे ने शुक्रवार को घोषणा की है, कि इस हफ्ते पोलिश हवाई क्षेत्र में रूसी ड्रोन के घुसपैठ के बाद नाटो ने यूरोप के पूर्वी हिस्से की रक्षा को मजबूत करने के लिए ऑपरेशन की शुरूआत की है। मार्क रूटे ने कहा है कि "ईस्टर्न सेंट्री" अभियान आने वाले दिनों में शुरू होगा और इसमें डेनमार्क, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और अन्य देशों की सेनाएं शामिल होंगी। उन्होंने आगे कहा कि "ईस्टर्न सेंट्री हमारी स्थिति में लचीलापन और मजबूती लाएगा और यह संदेश देगा कि एक रक्षात्मक गठबंधन के रूप में हम हमेशा अपनी रक्षा के लिए तैयार हैं।"
नाटो के प्रमुख मार्क रूटे ने कहा कि बुधवार को रूस का "खतरनाक और अस्वीकार्य" ड्रोन घुसपैठ "कोई अलग घटना नहीं थी।" इस ऑपरेशन के तहत शुरुआत में लड़ाकू विमानों और एक हवाई रक्षा फ्रिगेट की एक साथ तैनात की जाएगी और फिर आर्कटिक और काला सागर के बीच के क्षेत्र को कवर करने के लिए इसका विस्तार करने की योजना है, जिससे संभावित रूसी ड्रोन और मिसाइलों के खिलाफ एक सुरक्षा कवच बनाया जा सके। इस ऑपरेशन के तहत डेनमार्क 2 एफ-16 फाइटर जेट, एक एंटी-एयर वारफेयर फ्रिगेट, फ्रांस अपने 3 राफेल फाइटर जेट और जर्मनी 4 यूरोफाइटर जेट भेजेगा। दूसरी तरफ नाटो के पूर्वी हिस्से की रक्षा में मदद के लिए इटली और नीदरलैंड ने पहले ही F-35A स्टील्थ फाइटर जेट भेज दिए हैं, जो एस्टोनिया और पोलैंड में तैनात किए गये हैं।
NATO के सुप्रीम एलाइड कमांडर यूरोप जनरल एलेक्सस ग्रिनक्विच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस ऑपरेशन को "फ्लेक्सिबल और एजाइल" अभियान बताया, जिसमें जमीनी और हवाई रक्षा क्षमता, इन्फॉर्मेशन-शेयरिंग और ड्रोन काउंटर सिस्टम शामिल होंगे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस ऑपरेशन को यूके ने भी समर्थन देने का संकेत दिया है और रिपोर्ट्स के मुताबिक 6 टाइफून फाइटर जेट तक भेजे जा सकते हैं। NATO ने साफ कहा है कि यह सिर्फ पोलैंड की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरा पूर्वी फ्लैंक, आर्कटिक से लेकर ब्लैक सी और भूमध्य सागर तक इसके दायरे में आएगा। सीएनएन के मुताबिक पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने रूस की ड्रोन घुसपैठ को "हमला" कहा है। उन्होंने कहा है कि रूसी ड्रोन घुसपैठ यह कोई गलती नहीं थी।