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नेपीडॉ: चार साल से गृहयुद्ध में फंसे म्यांमार में भूकंप के बाद बड़े संकट की चपेट में है। भूकंप के कारण 1700 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि 3400 से अधिक घायल हैं। आपदा पीड़ित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इन भयावह हालातों के बीच म्यांमार की सैन्य सरकार हवाई हमले कर रही है। भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में भी सैन्य सरकार ने विद्रोहियों के ऊपर हवाई हमले किए हैं। जुंटा शासन के खिलाफ सशस्त्र आंदोलन कर रहे एक समूह ने रविवार को ये आरोप लगाया है।

भूकंप प्रभावित क्षेत्रों पर हमले

म्यांमार की सबसे पुराने सशस्त्र समूहों में शामिल केरेन नेशनल यूनियन ने एक बयान में बताया कि सेना नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाकर हवाई हमले जारी रखे हुए हैं, जबकि आबादी भूकंप से काफी पीड़ित है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इसने कहा कि सेना को राहत प्रयासों को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन इसका ध्यान ‘अपने लोगों के खिलाफ हमला करने पर है।

मलबे में फंसे शवों से आने लगी दुर्गंध

बीते सप्ताह शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप ने म्यांमार के कई शहरों में जमकर तबाही मचाई है। इसने हवाई अड्डों, पुलों और सड़कों समेत महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को तहस-नहस कर दिया है। मलबे और संचार व्यवस्था ध्वस्त होने के चलते सहायता कर्मी लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बहुत सारे लोग मलबे में फंसे हुए हैं। मांडले समेत कई शहर शवों से निकलने वाली दुर्गंध की चपेट में हैं

संयुक्त राष्ट्र ने भी चिकित्सा आपूर्ति की कमी की ओर ध्यान दिलाया है। शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र मांडले के पास था, जो जुंटा बलों के कब्जे वाला इलाका है। हालांकि, इसने विद्रोहियो के कब्जे वाले इलाकों में भी भारी नुकसान पहुंचाया है। क्राइसिस ग्रुप ने बताया है कि कुछ जुंटा विरोधी बलों ने अपने हमले रोक दिए हैं, लेकिन अन्य जगहों पर लड़ाई जारी है। इसने बताया कि जुंटा शासन ने प्रभावित क्षेत्रों समेत अन्य इलाकों में हवाई हमले जारी रखे हैं। इसे रोकने की जरूरत है।